कांग्रेस पार्टी की पश्चिम बंगाल यूनिट ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) द्वारा राज्य में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के आदेश को चुनौती दी है।
याचिकाकर्ता के वकील ने जस्टिस सूर्यकांत के सामने यह मामला उठाया, जो बिहार SIR केस की सुनवाई कर रहे हैं।
उन्होंने मंगलवार को बिहार SIR केस के साथ इस मामले को भी लिस्ट करने की मांग की।
वकील ने कहा, "बिहार का मामला कल लिस्टेड है। हम चाहते हैं कि यह मामला भी कल बिहार SIR केस के साथ लिस्ट हो।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि लोग प्रोसेस में कमियों का हवाला देते हुए पार्टी से संपर्क कर रहे हैं और इसी वजह से पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
बेंच ने कहा, "यह CJI पर निर्भर करता है कि पश्चिम बंगाल का मामला भी हमारे सामने आएगा या नहीं।"
इसके बाद वकील ने बताया कि SIR से जुड़े ऐसे ही दूसरे मामले भी कल बिहार SIR मामले के साथ आ रहे हैं।
इसके बाद बेंच ने मंगलवार को बिहार SIR केस के साथ इस मामले को भी लिस्ट करने पर सहमति जताई।
ECI ने सबसे पहले जून 2025 में एक स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का निर्देश दिया था। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल फेडरेशन फॉर इंडियन विमेन (NFIW) सहित कई याचिकाएं पहले से ही उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग हैं।
इसके बावजूद, ECI ने बिहार में SIR की प्रक्रिया जारी रखी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई रोक नहीं लगाई थी।
इसके बाद, ECI ने 27 अक्टूबर 2025 को SIR को पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक बढ़ा दिया।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पार्टी पहले ही तमिलनाडु में SIR को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुकी है।
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After DMK, West Bengal Congress moves Supreme Court against SIR of electoral rolls