Ankit Gujjar
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अंकित गुर्जर: दिल्ली उच्च न्यायालय ने डीजी (जेल) को चश्मदीद गवाहों की सुरक्षा पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया

Bar & Bench

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को तिहाड़ जेल के महानिदेशक (जेल) को गैंगस्टर अंकित गुर्जर की हिरासत में मौत के चश्मदीदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए उपायों पर एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। [गुरप्रीत सिंह उर्फ बादल उर्फ आकाश बनाम राज्य]।

जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने अपने आदेश में कहा,

"इस मामले में जिन चश्मदीदों ने सुरक्षा के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित निर्देश जारी किए जाएं। जेल महानिदेशक को एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें उन तीन कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे उपायों का संकेत दिया गया है, जो अपनी अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद 24 सितंबर को आत्मसमर्पण करेंगे।"

अदालत घटना के पांच चश्मदीदों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। ये चश्मदीद भी तिहाड़ जेल के कैदी थे और उन्होंने सुरक्षा के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

आज पारित अपने आदेश में, अदालत ने इस तर्क पर भी ध्यान दिया कि चश्मदीदों पर अपना रुख बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा था।

अदालत ने कहा, "गुर्जर की मौत के बाद, इस मामले में जांच को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए इस अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी। अब, चश्मदीदों पर अपना रुख बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है।"

सुरक्षा की मांग करने वाले पांच चश्मदीदों में से दो अंतरिम जमानत पर बाहर थे। कोर्ट ने इस संबंध में आगे कहा,

"ये (दो) कैदी तिहाड़ जेल की जेल नंबर 3 के थे और घटना की उसी शाम पैरोल पर रिहा हुए थे।उनकी रिहाई के बाद, उन्होंने तुरंत अंकित गुर्जर के परिवार को उनके निधन की सूचना दी। हालांकि उन्हें 24 सितंबर को सरेंडर करना है।"

अंत में, कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और केंद्र और दिल्ली सरकारों को नोटिस जारी किया।

आदेश मे कहा, "डीजी जेल यह सुनिश्चित करेगा कि याचिकाकर्ता (कैदी) 1 से 3 तक हिरासत में रहेंगे। वहीं, याचिकाकर्ता 4 और 5 24 सितंबर को सरेंडर करेंगे। सभी कैदियों को एक ऐसे क्षेत्र के अंदर रखा जाना है, जिस पर पूरी तरह से काम करने वाले सीसीटीवी द्वारा सख्ती से निगरानी की जाएगी। स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल की जाए।"

चश्मदीदों की ओर से एडवोकेट महमूद प्राचा पेश हुए, जबकि दिल्ली सरकार की ओर से एडवोकेट नंदिता राव पेश हुईं। अधिवक्ता राजेश कुमार और आयुष अग्रवाल ने क्रमशः सीबीआई और भारत संघ का प्रतिनिधित्व किया।

गुर्जर की पिछले महीने अधिकारियों द्वारा तिहाड़ जेल में कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद, पिछले हफ्ते दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई को दिल्ली पुलिस से जांच का नियंत्रण लेने का निर्देश दिया था।

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