बेंगलुरू की एक अदालत ने सोमवार को कर्नाटक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) डॉ. सूरज रेवन्ना, एचडी रेवन्ना के बड़े बेटे और प्रज्वल रेवन्ना के भाई को एक युवक द्वारा दर्ज कराए गए यौन शोषण मामले में एक जुलाई तक कर्नाटक पुलिस की आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की हिरासत में सौंप दिया।
मजिस्ट्रेट केएन शिवकुमार ने सीआईडी द्वारा किए गए अनुरोध पर यह आदेश पारित किया।
अदालत ने पहले सूरज को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था।
इसके बाद राज्य ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी, जिसके बाद सूरज की पुलिस हिरासत मांगी गई।
सूरज रेवन्ना को हसन पुलिस ने शनिवार शाम को हसन के साइबर स्टेशन पर पूछताछ के बाद 23 जून को गिरफ्तार किया था।
एक युवक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सूरज के खिलाफ धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध), 342 (अवैध हिरासत), 506 (आपराधिक धमकी), 34 (एक ही इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
युवक ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और गृह मंत्री से शिकायत की थी कि सूरज रेवन्ना ने चन्नरायपटना तालुक के गन्नीगाडा फार्म हाउस में उसके साथ यौन संबंध बनाए थे।
युवक ने उचित कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उसे और उसके परिवार को रेवन्ना और हनुमानहल्ली गांव के उसके करीबी दोस्त शिवकुमार ने धमकाया है।
मामला होलेनरसीपुर ग्रामीण पुलिस स्टेशन को स्थानांतरित कर दिया गया। तदनुसार, शनिवार को शिकायतकर्ता से एक बयान प्राप्त किया गया और एक प्राथमिकी दर्ज की गई। इससे पहले आज, डीजीपी ने मामले को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को स्थानांतरित कर दिया।
गौरतलब है कि शुक्रवार को शिवकुमार ने शिकायतकर्ता के खिलाफ होलेनरसीपुर सिटी पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि युवक ने रेवन्ना पर यौन शोषण का आरोप लगाने की धमकी दी थी अगर उसने उसे नौकरी दिलाने में मदद नहीं की। शिवकुमार ने यह भी दावा किया कि युवक ने झूठी शिकायत दर्ज न करने के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग की थी।
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Bengaluru court sends Suraj Revanna to CID custody till July 1 in sexual abuse case filed by man