बेंगलुरु की एक अदालत ने बुधवार को कर्नाटक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) सूरज रेवन्ना, एचडी रेवन्ना के बड़े बेटे और प्रज्वल रेवन्ना के भाई को यौन शोषण मामले में 18 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
मजिस्ट्रेट केएन शिवकुमार ने रेवन्ना की पुलिस हिरासत की आठ दिन की अवधि आज समाप्त होने के बाद आज यह आदेश पारित किया।
अधिवक्ता निखिल कामत ने रेवन्ना की ओर से जमानत याचिका दायर की है। विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अशोक नाइक ने कहा कि वह कल इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।
सूरज रेवन्ना को हसन पुलिस ने 23 जून को गिरफ्तार किया था, जिसके एक दिन पहले हसन के साइबर थाने में उससे पूछताछ की गई थी।
एक युवक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सूरज के खिलाफ धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध), 342 (अवैध हिरासत), 506 (आपराधिक धमकी), 34 (एक ही इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
युवक ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और गृह मंत्री से शिकायत की थी कि सूरज रेवन्ना ने चन्नरायपटना तालुक के गन्नीगाडा फार्म हाउस में उसके साथ यौन संबंध बनाए थे। युवक ने उचित कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उसे और उसके परिवार को हनुमानहल्ली गांव के सूरज रेवन्ना और उसके करीबी दोस्त शिवकुमार ने धमकाया है।
मामला होलेनरसीपुर ग्रामीण पुलिस स्टेशन को स्थानांतरित कर दिया गया। तदनुसार, शिकायतकर्ता से एक बयान प्राप्त किया गया और एक प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद, डीजीपी ने मामले को अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को स्थानांतरित कर दिया।
गौरतलब है कि 21 जून को शिवकुमार ने होलेनरसीपुर सिटी पुलिस स्टेशन में युवक के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि युवक ने रेवन्ना पर यौन शोषण का आरोप लगाने की धमकी दी थी अगर उसने उसे नौकरी दिलाने में मदद नहीं की। शिवकुमार ने यह भी दावा किया कि युवक ने कथित झूठी शिकायत दर्ज करने से बचने के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग की थी।
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Bengaluru court sends Suraj Revanna to judicial custody till July 18 in sexual abuse case