बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या से उपजे विवाद के मद्देनजर, सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें पुरुषों के खिलाफ दहेज और घरेलू हिंसा कानूनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है तथा ऐसे कानूनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में दहेज और घरेलू हिंसा के मौजूदा कानूनों की समीक्षा और सुधार करने तथा उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों, वकीलों और विधिवेत्ताओं की एक समिति गठित करने की मांग की गई है।
याचिका के अनुसार, दहेज और घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून विवाहित महिलाओं की सुरक्षा के उद्देश्य से बनाए गए थे, लेकिन ये कानून अब महिलाओं के हाथों में पतियों और उनके माता-पिता को परेशान करने का हथियार बन गए हैं।
34 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक विस्तृत सुसाइड नोट छोड़ा था और एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार पर उन्हें परेशान करने और उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का आरोप लगाया था, जिसके कारण उन्हें अपनी जान लेनी पड़ी।
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Bengaluru techie Atul Subhash suicide: PIL in Supreme Court to curb misuse of dowry laws against men