सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी ज्योति जगताप और महेश राउत की जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा। (ज्योति जगताप बनाम राष्ट्रीय जांच एजेंसी और अन्य)
न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने आज जगताप की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए उनके वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर देसाई और अपर्णा भट की दलीलें सुनने के बाद यह बात कही।
महाराष्ट्र राज्य और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकील ने बताया कि राउत को दी गई जमानत पर रोक को शीर्ष अदालत ने सितंबर 2023 तक बढ़ा दिया है।
न्यायमूर्ति सुंदरेश ने तब कहा, "ठीक है। हम फिर उस मामले (राउत के) के साथ ही मामले की सुनवाई करेंगे। हम एक तारीख देंगे। आप (आरोपी) जाकर मामले का उल्लेख कर सकते हैं। हम मिलकर फैसला करेंगे। एक या दूसरे तरीके से।"
जगताप पर कबीर कला मंच (केकेएम) का सदस्य होने का आरोप है, जो गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित संगठन है। संगीत और कविता के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को उठाने वाले इस सांस्कृतिक समूह का गठन 2002 के गुजरात दंगों के बाद हुआ था।
उसे 8 सितंबर, 2020 को एनआईए ने गिरफ्तार किया था और 9 अक्टूबर, 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया था।
मामले में सबसे कम उम्र की आरोपियों में से एक, उसने शुरू में अपील में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जब एक विशेष एनआईए अदालत ने 14 फरवरी, 2022 को उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2022 में उसकी याचिका खारिज कर दी थी, जिसके कारण वर्तमान अपील हुई।
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Bhima Koregaon violence: Supreme Court to hear bail pleas of Jyoti Jagtap, Mahesh Raut together