बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सोमवार को उद्योगपति गौतम अडानी और राजेश अडानी को अडानी एंटरप्राइजेज से जुड़े गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) के मामले से बरी कर दिया।
न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की पीठ ने सत्र अदालत के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें बाजार नियमों के उल्लंघन के आरोप में कंपनी और अडानी को मामले से मुक्त करने के मजिस्ट्रेट के फैसले को खारिज कर दिया गया था।
अडानी परिवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई और विक्रम नानकानी पेश हुए। नानकानी एंड एसोसिएट्स की ओर से अधिवक्ता ईश्वर नानकानी, पृथ्वीराज चौधरी, गोपालकृष्ण शेनॉय, रिया सिंकर और प्राजक्ता सरवडेकर ने उनकी सहायता की।
राज्य की ओर से अधिवक्ता मनीषा आर. तिडके पेश हुईं।
केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ए.सी. सिंह और अधिवक्ता डी.पी. सिंह, आदर्श व्यास, प्रदीप यादव, दिव्या गोंटिया और रुचिता वर्मा पेश हुए।
अडानी एंटरप्राइजेज ने 2019 में हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद वे सत्र न्यायालय के आदेश पर स्थगन आदेश हासिल करने में सफल रहे थे। मामले के लंबित रहने तक स्थगन जारी रहा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में करीब 388 करोड़ रुपये का अवैध लाभ शामिल है।
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Bombay High Court discharges Gautam Adani, Rajesh Adani from SFIO case