सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के चार न्यायाधीशों को अन्य उच्च न्यायालयों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है।
जिन न्यायाधीशों के तबादले की संस्तुति की गई है, उनमें न्यायमूर्ति कृष्ण दीक्षित, न्यायमूर्ति के नटराजन, न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर और न्यायमूर्ति संजय गौड़ा शामिल हैं।
न्यायमूर्ति दीक्षित को उड़ीसा उच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति नटराजन को केरल, न्यायमूर्ति चंदनगौदर को मद्रास तथा न्यायमूर्ति गौड़ा को गुजरात स्थानांतरित करने की संस्तुति की गई है।
यह निर्णय कॉलेजियम द्वारा 15 अप्रैल तथा 19 अप्रैल को आयोजित अपनी बैठकों में लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर कॉलेजियम द्वारा प्रकाशित बयान के अनुसार, यह निर्णय "उच्च न्यायालयों के स्तर पर समावेशिता तथा विविधता लाने तथा न्याय प्रशासन की गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए" लिया गया।
अफवाहों के अनुसार, स्थानांतरण ने बार में काफी खलबली मचा दी थी।
कर्नाटक उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ के अधिवक्ता संघ (आर) तथा अधिवक्ता संघ, बेंगलुरु के अध्यक्ष ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना को पत्र लिखकर इस कदम का विरोध किया था।
दिलचस्प बात यह है कि जस्टिस कृष्ण दीक्षित ने 17 अप्रैल को एक मामले की सुनवाई के दौरान अपने तबादले की अफवाहों पर बात की।
जब उनके सामने पेश हुए एक वकील ने एक मामले में तारीख मांगी, तो उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि अगले हफ्ते दोनों पक्षों को एक अच्छी बेंच मिल सकती है, इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कि उनके हाई कोर्ट से होने वाले तबादले के कारण मामला जल्द ही किसी अन्य बेंच के समक्ष सूचीबद्ध हो सकता है।
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "अगले हफ्ते वैसे भी आपको एक अच्छी बेंच मिल सकती है। आप अब सभी बुरे लोगों को हटा रहे हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि वह कहीं भी काम करने के लिए तैयार हैं और यह उनका कर्तव्य है।
[कॉलेजियम का बयान पढ़ें]
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Collegium recommends transfer of four Karnataka High Court judges