भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने गुरुवार को संकेत दिया कि उच्चतम न्यायालय कोविड -19 के बढ़ते मामलों के आलोक में अगले चार से छह सप्ताह तक भौतिक मोड के माध्यम से मामलों की सुनवाई नहीं करेगा।
इस आशय का एक अवलोकन अखिल भारतीय न्यायाधीश संघ मामले की सुनवाई के दौरान किया गया था।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली एक अन्य पीठ ने कहा कि महामारी की स्थिति के कारण न्यायालय अगले सप्ताह केवल जरूरी मामलों को ही उठाएगा।
कोर्ट के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने आज सुबह 11 बजे आधे घंटे की देरी से कार्यवाही शुरू की, क्योंकि वे आगे के रास्ते पर चर्चा कर रहे थे, जबकि COVID-19 मामले लगातार बढ़ रहे थे।
न्यायालय ने हाल ही में 3 जनवरी, 2022 से शुरू होकर केवल दो सप्ताह के लिए वर्चुअल मोड के माध्यम से मामलों की सुनवाई करने का निर्णय लिया है। शीर्ष अदालत द्वारा 2 जनवरी को जारी परिपत्र ने 7 अक्टूबर 2021 की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को संशोधित किया, जिसके अनुसार आभासी सुनवाई केवल विविध दिनों (सोमवार और शुक्रवार) को होगी जबकि हाइब्रिड सुनवाई मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को होगी।
विभिन्न उच्च न्यायालयों ने पहले ही COVID-19 मामलों में स्पाइक और वायरस के ओमाइक्रोन संस्करण को देखते हुए वर्चुअल या हाइब्रिड सुनवाई पर स्विच कर दिया है।
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