आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय के नौ फरवरी के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
उच्च न्यायालय ने सिंह की जमानत याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत को निर्देश दिया था कि वह मुकदमे की सुनवाई में तेजी लाए।
पीठ ने कहा, जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है। हम निचली अदालत को निर्देश देते हैं कि वह मुकदमे में तेजी लाए। दोनों पक्षों द्वारा कोई अनावश्यक स्थगन नहीं मांगा जाए ।
सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 4 अक्टूबर, 2023 को एजेंसी द्वारा उनके आवास पर तलाशी लेने के बाद गिरफ्तार किया था। वह 13 अक्टूबर, 2023 से न्यायिक हिरासत में हैं।
ट्रायल कोर्ट ने 22 दिसंबर, 2023 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
सिंह के खिलाफ मामला उन आरोपों से जुड़ा है कि उन्होंने अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति को तैयार करने और लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसका कथित उद्देश्य कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को लाभ पहुंचाना था।
इससे पहले, सिंह ने अपनी गिरफ्तारी को इस आधार पर चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की थी कि यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग था और पंकज बंसल बनाम भारत संघ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन था।
उच्च न्यायालय ने 20 अक्टूबर, 2023 को उस याचिका को खारिज कर दिया और माना कि ईडी एक प्रमुख जांच एजेंसी है और इसके राजनीतिक उद्देश्यों को थोपने से देश की छवि पर असर पड़ सकता है।
इसके बाद सिंह ने इस पहलू पर उच्चतम न्यायालय का रुख किया जो शीर्ष अदालत के समक्ष भी लंबित है।
जब वह मामला 20 नवंबर, 2023 को अदालत के समक्ष सुनवाई के लिए आया, तो शीर्ष अदालत ने उसे जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी।
निचली अदालत और उच्च न्यायालय ने तब उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद शीर्ष अदालत के समक्ष वर्तमान अपील की गई।
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