दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर एक याचिका के संबंध में अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया, जिसमें दावा किया गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को समन के बावजूद एजेंसी के सामने पेश नहीं हो रहे थे। [प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बनाम अरविंद केजरीवाल]।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) दिव्या मल्होत्रा ने समन जारी किया और केजरीवाल को 16 मार्च को अदालत के समक्ष उपस्थित रहने के लिए कहा।
ईडी ने छह मार्च को केजरीवाल के खिलाफ नया शिकायत दर्ज कराते हुए दलील दी थी कि उन्हें कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कई बार बुलाया गया था लेकिन उन्होंने उसे मानने से इनकार कर दिया था।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक ने चार मार्च को आठवीं बार ईडी के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद यह नई शिकायत दर्ज कराई गई। उन्हें पहली बार 2 नवंबर, 2023 को तलब किया गया था।
केजरीवाल ने ईडी के समन को 'अवैध' और 'राजनीति से प्रेरित' करार दिया था।
केजरीवाल के खिलाफ ईडी की यह दूसरी शिकायत का मामला है।
संघीय धनशोधन रोधी एजेंसी ने तीन फरवरी, 2024 को भी केजरीवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन्हें उस मामले में अदालत द्वारा समन जारी किया गया है और उनके 16 मार्च को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की संभावना है।
मनी लॉन्ड्रिंग की दलीलों में ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 17 अगस्त, 2022 को 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज एक मामले से उपजी है।
20 जुलाई, 2022 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा की गई शिकायत पर सीबीआई का मामला दर्ज किया गया था।
ईडी ने बाद में 22 अगस्त, 2022 को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के कोण पर मामला दर्ज किया।
आरोप है कि नीति तैयार होने के चरण के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया और अन्य अज्ञात निजी व्यक्तियों/संस्थाओं सहित आप नेताओं ने आपराधिक साजिश रची।
यह आरोप लगाया गया है कि साजिश कुछ खामियों से उपजी है जो "जानबूझकर" छोड़ दी गई हैं या नीति में बनाई गई हैं। ये कथित तौर पर निविदा प्रक्रिया के बाद कुछ लाइसेंसधारियों और साजिशकर्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए थे।
केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक दक्षिण भारत के शराब कारोबार में कुछ लोगों द्वारा आप के कुछ जनसेवकों को हवाला चैनलों के जरिए रिश्वत दी गई ताकि शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के बीच 'एकाधिकार और गुटबंदी' के उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे आप के वरिष्ठ नेता पहले से ही इसी मामले में हिरासत में हैं।
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Delhi Excise Policy scam: Delhi court issues summons to Arvind Kejriwal