दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भविष्य में विदेशी प्रशिक्षण प्राप्त करने से रोकने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया गया था और 14 अप्रैल, 2023 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
विदेशों में सरकारी स्कूल के शिक्षकों के प्रशिक्षण को लेकर पिछले साल अक्टूबर से एलजी और सरकार में खींचतान चल रही है.
दिल्ली सरकार के मुताबिक उपराज्यपाल प्रस्ताव का जवाब नहीं देकर शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भेजने की प्रक्रिया को रोक रहे थे.
16 जनवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंत्रियों, विधायकों और आप के कार्यकर्ताओं को उपराज्यपाल के आवास पर ले जाकर 30 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के सरकार के प्रस्ताव को तत्काल मंजूरी देने की मांग की थी.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में सिविल सेवकों के तबादलों और पोस्टिंग पर प्रशासनिक नियंत्रण के संबंध में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने विरोध मार्च पर आपत्ति जताई थी।
आखिरकार, 4 मार्च, 2023 को एलजी ने आखिरकार प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
हालांकि, उन्होंने आदेश दिया कि भविष्य में ऐसा कोई प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा, जिससे सरकार को सर्वोच्च न्यायालय का रुख करना पड़ा।
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