Delhi High Court  
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को गिरफ्तारी ज्ञापन में गिरफ्तारी का आधार जोड़ने का आदेश दिया

न्यायालय ने कहा, "इन विवरणों को बताने की आवश्यकता महज औपचारिकता नहीं है, बल्कि भारत के संविधान के तहत व्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकार को बनाए रखने के लिए एक मौलिक सुरक्षा है।"

Bar & Bench

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि गिरफ्तारी ज्ञापन में गिरफ्तारी का आधार लिखने के लिए एक कॉलम जोड़ा जाए।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने एक व्यक्ति की याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसने अपनी गिरफ्तारी को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उसे उसकी गिरफ्तारी के कारणों के बारे में सूचित नहीं किया गया था।

अदालत को बताया गया कि इसने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 50 (बिना वारंट के गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को गिरफ्तारी के कारणों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए) का उल्लंघन किया है।

अदालत ने इस मामले के गिरफ्तारी ज्ञापन की जांच की और पाया कि गिरफ्तारी ज्ञापन के मौजूदा प्रारूप में गिरफ्तारी के कारणों को दर्ज करने के लिए कोई कॉलम नहीं है।

Justice Dinesh Kumar Sharma

न्यायालय ने यह भी दोहराया कि गिरफ्तार व्यक्तियों को गिरफ्तारी के आधारों के बारे में लिखित रूप में शीघ्रता से बताना महत्वपूर्ण है।

न्यायालय ने आगे कहा कि वर्तमान मामले में व्यक्ति की गिरफ्तारी अवैध थी क्योंकि गिरफ्तारी ज्ञापन में उसकी गिरफ्तारी के आधारों के बारे में नहीं बताया गया था।

न्यायालय ने कहा, "इन विवरणों को बताने की आवश्यकता केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि भारत के संविधान के तहत व्यक्ति के स्वतंत्रता के अधिकार को बनाए रखने के लिए एक मौलिक सुरक्षा है।"

अधिवक्ता मनु शर्मा, अभिर दत्त, देबयान गंगोपाध्याय, अनंत गुप्ता, कार्तिक खन्ना, सूर्यकेतु तोमर याचिकाकर्ता प्रणव कुकरेजा की ओर से पेश हुए।

अधिवक्ता संगीत सिबौ, जतिन, अनिकेत सिंह के साथ अतिरिक्त स्थायी वकील राहुल त्यागी राज्य की ओर से पेश हुए।

[आदेश पढ़ें]

Pranav_Kuckreja_vs_State.pdf
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Delhi High Court orders Delhi Police to add grounds of arrest in arrest memos