Manish Sisodia, Delhi HC  
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दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई और ईडी मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार किया

Bar & Bench

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने यह देखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी कि अभियोजन पक्ष ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 के तहत प्रथम दृष्टया धन शोधन का मामला बनाया है।

अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि सिसौदिया का आचरण "लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ बड़ा विश्वासघात" है।

न्यायालय ने यह भी पाया कि सिसौदिया इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य सहित महत्वपूर्ण साक्ष्यों को नष्ट करने के कृत्य में शामिल थे। इस संबंध में एकल न्यायाधीश ने दो मोबाइल फोन का हवाला दिया जिनके क्षतिग्रस्त होने का दावा किया गया था।

न्यायालय ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि सिसोदिया दिल्ली सरकार में एक महत्वपूर्ण पद पर थे और कई विभागों को संभाल रहे थे और वह AAP के वरिष्ठ नेता होने के नाते एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं।

उच्च न्यायालय ने कहा, "इस अदालत की राय है कि याचिकाकर्ता अपने पक्ष में जमानत देने का मामला बनाने में सक्षम नहीं है।"

Justice Swarana Kanta Sharma, Delhi High Court

ट्रायल कोर्ट ने हाल ही में उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में सिसौदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उच्च न्यायालय के समक्ष वर्तमान याचिका दायर की गई।

सिसौदिया द्वारा दायर जमानत याचिकाओं का यह दूसरा दौर है।

जमानत याचिकाओं का एक दौर पहले 2023 में खारिज कर दिया गया था। सीबीआई मामले में सिसौदिया की जमानत याचिका 31 मार्च, 2023 को खारिज कर दी गई थी। 28 अप्रैल, 2023 को ट्रायल कोर्ट ने ईडी मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के आदेशों को बरकरार रखा और अक्टूबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे बरकरार रखा।

हालांकि, उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर सुनवाई धीमी गति से आगे बढ़ी तो सिसोदिया फिर से जमानत के लिए याचिका दायर कर सकते हैं।

इसके बाद उन्होंने जमानत याचिका का दूसरा दौर दायर किया।

सिसौदिया 26 फरवरी, 2023 से हिरासत में हैं। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले के संबंध में उनकी जांच सीबीआई और ईडी दोनों द्वारा की जा रही है।

इस मामले में यह आरोप शामिल है कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने रिश्वत के बदले कुछ व्यापारियों को शराब लाइसेंस देने में मिलीभगत की थी। आरोपी अधिकारियों पर कुछ शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए आबकारी नीति में बदलाव करने का आरोप है।

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Delhi High Court denies bail to Manish Sisodia in CBI and ED cases