Atishi Marlena and Delhi High Court  
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दिल्ली हाईकोर्ट ने सीएम आतिशी द्वारा मनीष सिसोदिया को आवंटित सरकारी बंगले मे रहने देने का आरोप वाली जनहित याचिका खारिज की

याचिका के अनुसार, यह बंगला आतिशी को उस समय आवंटित किया गया था जब वह सरकार में मंत्री थीं।

Bar & Bench

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया और उनके परिवार को उन्हें आवंटित बंगले में रहने की अनुमति दी थी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि किसी भी नियम के उल्लंघन के मामले में, संबंधित अधिकारी अपेक्षित कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं।

पीठ ने आदेश दिया, "हम याचिका में कोई भी आदेश पारित करना उचित नहीं समझते हैं।"

Acting Chief Justice Vibhu Bakhru and Justice Tushar Rao Gedela

जनहित याचिका संजीव जैन नामक व्यक्ति ने दायर की थी, जिन्होंने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताया था। इसमें दावा किया गया था कि मार्च 2023 में दिल्ली आबकारी नीति मामले में उनकी गिरफ्तारी के बावजूद सिसोदिया का पूरा परिवार सरकारी बंगले में रह रहा है।

याचिका के अनुसार, आतिशी को यह बंगला तब आवंटित किया गया था, जब वह सरकार में केवल मंत्री थीं। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला था।

जैन ने जनहित याचिका में आतिशी के खिलाफ कार्रवाई करने और नियमों के उल्लंघन के लिए हर्जाना वसूलने की मांग की है।

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Delhi High Court junks PIL alleging CM Atishi let Manish Sisodia stay in govt bungalow allotted to her