दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल द्वारा पारित उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें भाजपा के सात विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था।
विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाले विधायकों के उच्च न्यायालय जाने के बाद न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने यह आदेश पारित किया।
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में भाजपा के आठ विधायक हैं। इनमें से सात भाजपा विधायकों को उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना के संबोधन को बाधित करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।
निलंबित विधायकों में विजेंद्र गुप्ता, अजय कुमार महावर, अनिल कुमार बाजपेयी, ओम प्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन, मोहन सिंह बिष्ट और अभय वर्मा शामिल हैं।
भाजपा विधायकों ने दावा किया कि उन्हें निलंबित करने का अध्यक्ष का फैसला पूरी तरह असंवैधानिक है क्योंकि इसके बाद लगभग पूरे विपक्ष को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया और जवाबदेही की आवाज को चुप करा दिया गया।
उन्होंने दलील दी कि आप विधायक दिलीप पांडे द्वारा पेश प्रस्ताव दुर्भावनापूर्ण तरीके से तैयार किया गया है ताकि विपक्षी सदस्य महत्वपूर्ण कार्यों पर चर्चा में भाग लेने से बचें और उन्हें सदन के बजट सत्र में भाग लेने से भी बाहर रखा जा सके।
भाजपा विधायकों ने आप सांसद राघव चड्ढा को संसद से निलंबित किए जाने से तुलना करके कहा कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) उनके निलंबन को एक राजनीतिक मुद्दे में बदल रही है।
उन्होंने कहा था कि उन्होंने उपराज्यपाल से माफी मांगी है और उन्होंने उनकी माफी स्वीकार कर ली है।
विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता, कीर्ति उप्पल और सोनिया माथुर के साथ अधिवक्ता रिपु दमन भारद्वाज, सत्य रंजन स्वैन, विजय कुमार जोशी, हिमांशु बिधूड़ी, कंगन रोडा, निकिता सेठी, चेतन्य पुरी, प्रियंका गर्ग, निखिल जायसवाल, कमल दिगपॉल, सौमाव करमाकर और रुद्र पालीवाल पेश हुए।
विधायक ओम प्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन और मोहन सिंह बिष्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मालविका त्रिवेदी और दिनेश अगनानी के साथ अधिवक्ता हिमांशु पाठक, नीरज, अमित तिवारी, सहज गर्ग, अभिषेक साकेत, श्रेय शेरावत, कौटिल्य विराट, शौमेंदु मुखर्जी, कुशाग्र कंसल, सिद्धार्थ खटाना, सुभाष तंवर, अंकुश कपूर और श्रेय सहरावत पेश हुए।
विधायक अभय वर्मा की ओर से अधिवक्ता पवन नारंग, ज्योति तनेजा, पीयूष बेरीवाल, हिमांशु सेठी और ऐश्वर्या छाबड़ा ने प्रतिनिधित्व किया।
दिल्ली विधानसभा का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर नंदराजोग, दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील समीर वशिष्ठ और अधिवक्ता वंशी कौल, अमन सिंह और वेदांश वशिष्ठ ने किया।
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