Karnataka High Court, Siddaramaiah  
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कर्नाटक HC से कहा CM सिद्धारमैया का चुनाव रद्द किया जाना चाहिए क्योकि महिलाओ को मुफ्त सुविधाएं देना पुरुषो के खिलाफ भेदभाव है

याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि सिद्धारमैया का वरुणा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने चुनाव से पहले मतदाताओ को रिश्वत देने जैसी गलत प्रथाओं का सहारा लिया था।

Bar & Bench

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के वरुणा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचन को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता ने शनिवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय में कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा वादा किए गए सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए पांच गारंटी योजना पुरुषों के खिलाफ भेदभावपूर्ण और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता केएम शंकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रमिला नेसर्गी ने एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव के समक्ष दलीलें पेश कीं।

नेसर्गी ने न्यायालय से कहा कि सिद्धारमैया का वरुणा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव रद्द किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने चुनाव से पहले मतदाताओं को रिश्वत देने जैसी गलत हरकतें की हैं।

नेसारगी ने न्यायालय को बताया कि महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, मुफ्त बिजली, चावल वितरण, परिवार की महिला मुखियाओं के लिए वित्तीय सहायता और स्नातकों के लिए बेरोजगारी भत्ते जैसी गारंटी योजना इस तरह के कदाचार के उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के घोषणापत्र में घोषित गारंटी योजना रिश्वतखोरी के समान है और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत भ्रष्ट आचरण का उदाहरण है।

पिछली सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ अधिवक्ता रविवर्मा कुमार सिद्धारमैया की ओर से पेश हुए थे और न्यायालय को बताया था कि वरुणा निर्वाचन क्षेत्र से उनके 2023 के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका "कॉपी-पेस्ट" का काम है और केवल इसी आधार पर खारिज की जा सकती है।

कुमार ने उस समय न्यायालय को यह भी बताया था कि इस वर्ष मार्च में, इसी तरह के आधार पर शिवाजीनगर से विधान सभा सदस्य रिजवान अरशद के 2023 के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस विश्वजीत शेट्टी ने खारिज कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका भी समान दलीलों के साथ दायर की गई थी और इसलिए, याचिकाकर्ता पर चुनाव याचिकाओं की ऐसी "सामूहिक नकल" का हिस्सा होने के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

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Election of CM Siddaramaiah should be set aside since freebies for women discriminates against men: Karnataka High Court told