<div class="paragraphs"><p>Justice MR Shah, Justice BV Nagarathna and Supreme Court</p></div>

Justice MR Shah, Justice BV Nagarathna and Supreme Court

 
समाचार

[कर्मचारी मुआवजा अधिनियम] मुआवजे पर ब्याज मृत्यु की तारीख से देय है न कि आदेश की तारीख से: सुप्रीम कोर्ट

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कर्मचारी मुआवजा अधिनियम 1923 के तहत मुआवजे और उस पर ब्याज का भुगतान करने का दायित्व मृतक की मृत्यु की तारीख से होगा, न कि आयुक्त द्वारा मुआवजे के आदेश की तारीख से। [शोभा बनाम अध्यक्ष, विट्ठलराव शिंदे सहकारी साखर कारखाना लिमिटेड]।

न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि अधिनियम की धारा 4ए(1) के तहत धारा 4 के तहत मुआवजे का भुगतान देय होते ही किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा, "इसलिए, कर्मचारी/मृतक की तुरंत मृत्यु होने पर, मुआवजे की राशि को बकाया कहा जा सकता है। इसलिए, मुआवजे का भुगतान करने की देयता मृतक की मृत्यु पर तुरंत उत्पन्न होगी।"

चूंकि अधिनियम की धारा 4ए(3)(ए) के अनुसार ब्याज देयता देय मुआवजे की राशि पर है, ब्याज भी दुर्घटना की तारीख से देय होगा न कि आदेश की तारीख से।

आदेश में जोर दिया गया है "इसलिए, मुआवजे का भुगतान करने का दायित्व उस तारीख से उत्पन्न होगा जिस दिन मृतक की मृत्यु हो गई थी जिसके लिए वह मुआवजे का हकदार है और इसलिए, बकाया/मुआवजे की राशि पर ब्याज का भुगतान करने की देयता से होगी दुर्घटना की तारीख और आयुक्त द्वारा पारित आदेश की तारीख से नहीं।"

[निर्णय पढ़ें]

Shobha_v__The_Chairman__Vitthalrao_Shinde_Sahakari_Sakhar_Karkhana.pdf
Preview

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें


[Employees Compensation Act] Interest on compensation payable from date of death and not date of order: Supreme Court