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निर्वासन आदेश स्वतंत्र रूप से संचलन के मौलिक अधिकार को छीन लेता है; संयम से इस्तेमाल किया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि एक निर्वासन आदेश अनुच्छेद 19 (1) (डी) के तहत भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है और इसलिए, तर्कसंगतता की कसौटी पर खरा उतरना चाहिए।

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि फांसी का आदेश एक असाधारण उपाय है और इसलिए इसे संयम से इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (डी) के तहत मुक्त संचलन के मौलिक अधिकार को छीन लेता है। [दीपक बनाम महाराष्ट्र राज्य]।

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Deepak_v_State_of_Maharashtra.pdf
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Externment order takes away fundamental right to move freely; must be used sparingly: Supreme Court