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जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ आपराधिक मामलों में लेटर्स पेटेंट अपील की स्वीकार्यता की जांच करेगी

पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली करेंगे और इसमें न्यायमूर्ति संजीव कुमार, न्यायमूर्ति रजनीश ओसवाल, न्यायमूर्ति संजय धर और न्यायमूर्ति संजय परिहार भी शामिल होंगे।

Bar & Bench

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय इस प्रश्न पर सुनवाई के लिए एक पूर्ण पीठ का गठन करने वाला है कि क्या आपराधिक मामलों में एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेशों के विरुद्ध लेटर्स पेटेंट अपील (एलपीए) स्वीकार्य है [सुमित सबरवाल बनाम ओएम प्रकाश गुप्ता और अन्य]।

उच्च न्यायालय के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला होगा जहाँ इस मुद्दे की जाँच पाँच न्यायाधीशों की पूर्ण पीठ द्वारा की जाएगी।

इस पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश अरुण पल्ली करेंगे और इसमें न्यायमूर्ति संजीव कुमार, रजनीश ओसवाल, संजय धर और संजय परिहार भी शामिल होंगे।

अदालत इस मुद्दे पर गुरुवार, 25 सितंबर से सुनवाई शुरू करेगी।

अदालत डॉ. सुमित सबरवाल बनाम ओम प्रकाश गुप्ता एवं अन्य नामक एलपीए पर विचार करेगी।

पूर्ण पीठ का संदर्भ डॉ. सुमित सबरवाल बनाम डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता एवं अन्य के मामले में दायर एलपीए से लिया गया है।

2013 में दो डॉक्टरों की संदिग्ध मौतों की जाँच के लिए एक एकल न्यायाधीश द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने और एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिए जाने के बाद यह मामला पाँच न्यायाधीशों की पीठ को सौंपा गया था।

इससे व्यथित होकर, डॉ. सबरवाल एलपीए से भाग गए।

न्यायमूर्ति संजीव कुमार और न्यायमूर्ति संजय धर की खंडपीठ ने 18 अक्टूबर, 2024 को कहा कि अन्य उच्च न्यायालयों के विपरीत, जम्मू-कश्मीर लेटर्स पेटेंट का खंड 12 आपराधिक क्षेत्राधिकार को बाहर नहीं करता है।

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Full Bench of J&K High Court to examine maintainability of Letters Patent Appeals in criminal matters