अधिवक्ता संघ, बेंगलुरु ने मंगलवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के चार न्यायाधीशों के स्थानांतरण की कॉलेजियम की सिफारिश के विरोध में एक घंटे तक काम से दूर रहने का संकल्प लिया।
बार नेताओं द्वारा न्यायालय को विरोध स्वरूप एक घंटे तक काम से विरत रहने के निर्णय की जानकारी दिए जाने के बाद विभिन्न पीठों ने सुनवाई रोक दी।
कोर्ट 7, 8 और 21 ने फिलहाल सुनवाई बंद कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 21 अप्रैल को जस्टिस कृष्ण दीक्षित, के नटराजन, हेमंत चंदनगौदर और संजय गौड़ा के तबादलों की संस्तुति की।
जस्टिस दीक्षित को उड़ीसा हाईकोर्ट, जस्टिस नटराजन को केरल हाईकोर्ट, जस्टिस चंदनगौदर को मद्रास हाईकोर्ट और जस्टिस गौड़ा को गुजरात हाईकोर्ट में तबादले की संस्तुति की गई है।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर कॉलेजियम द्वारा प्रकाशित बयान के अनुसार, यह निर्णय "हाईकोर्ट के स्तर पर समावेशिता और विविधता लाने तथा न्याय प्रशासन की गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए" लिया गया है।
तबादले की संस्तुति से बार में काफी विवाद हुआ है। कर्नाटक हाई कोर्ट की धारवाड़ बेंच के अधिवक्ता संघ और बेंगलुरु के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना को पत्र लिखकर इस कदम का विरोध किया था।
इसके बाद एएबी ने एक घंटे तक काम से दूर रहने का प्रस्ताव पारित किया।
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Hearings in Karnataka High Court halted for an hour after Bar protests proposed transfer of 4 judges