Supreme Court, Delhi High Court and ED  
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जमानत आदेश पर एक साल से ज़्यादा रोक कैसे लगाई जा सकती है? ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा धन शोधन के एक आरोपी को डिफॉल्ट जमानत देने के स्थानीय अदालत के आदेश पर रोक बढ़ाने पर आपत्ति जताई। [परविंदर सिंह खुराना बनाम प्रवर्तन निदेशालय]

न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने परविंदर सिंह खुराना को दी गई वैधानिक जमानत को बहाल कर दिया।

न्यायमूर्ति मेहता ने आज सुनवाई के दौरान टिप्पणी की, "यह स्वतंत्रता के बारे में है; जमानत पर एक साल से अधिक समय तक रोक कैसे लगाई जा सकती है।"

Justice Aravind Kumar and Justice Sandeep Mehta

बेंच दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने पहले जून 2023 में जमानत पर रोक लगा दी थी और फिर मई 2024 में मामले को जुलाई में सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया था।

राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पिछले साल 17 जून को खुराना को क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के सिलसिले में जमानत दे दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अमित महाजन ने बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर इस पर रोक लगा दी।

इस साल 22 मई को न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को तय की थी।

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति महाजन द्वारा 18 मार्च को मामले से खुद को अलग करने के बाद यह कदम उठाया गया था।

यह अपील अधिवक्ता मधुस्मिता बोरा के माध्यम से दायर की गई थी।

ईडी की ओर से अधिवक्ता जोहेब हुसैन पेश हुए।

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How can bail order be stayed for more than 1 year? Supreme Court in ED case