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क्या भारत पर अब भी 'गरीब देश' का ठप्पा लगा हुआ है? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा

प्रशांत भूषण ने दावा किया कि भारत के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि भारत में गरीबी बढ़ रही है।

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अधिवक्ता प्रशांत भूषण से पूछा कि क्या भारत अब भी गरीब देश का तमगा ढो रहा है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह सवाल तब उठाया जब भूषण ने डेटा का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2011 से भारत में गरीबी का स्तर बढ़ा है।

पीठ ने पूछा, "श्री भूषण, 2011 अब 2025 में है। क्या हम अभी भी गरीब का टैग ढो रहे हैं? क्या हम अभी भी इस धारणा पर कायम हैं कि इस देश ने प्रगति नहीं की है? हमें जो बात परेशान कर रही है, वह यह है कि 2011 में 70% लोग गरीब थे, अब यह बढ़कर शायद 80% हो गया है?"

Justices Surya kant, Justice NK Singh

भूषण ने जवाब दिया कि यह उनका दावा नहीं है, बल्कि पूर्व मुख्य अर्थशास्त्रियों ने भी कहा है कि गरीबी बढ़ रही है।

यह बातचीत तब हुई जब न्यायालय कोविड-19 महामारी लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों के कल्याण के लिए 2020 में शुरू की गई एक स्वप्रेरणा याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी केंद्र सरकार की ओर से पेश हुईं और तर्क दिया कि शीर्ष अदालत द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन किया गया है।

भूषण ने कहा कि प्रवासियों के लिए कल्याण योजना में कई मुद्दे हैं।

हालांकि, न्यायालय ने कहा कि मामले की सुनवाई अगली तारीख पर की जाएगी क्योंकि लंच के बाद के सत्र में विशेष पीठ का मामला है।

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Is India still carrying 'poor country' tag? Supreme Court asks