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न्यायाधीशों को अपनी नियुक्ति के स्थान की स्थानीय भाषा में निपुण होना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़,न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा न्यायिक अधिकारियो को स्थानीय भाषाओ मे गवाहो और साक्ष्यो से निपटना होता है इसलिए ऐसी आवश्यकता उचित है

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि न्यायिक अधिकारियों को उस स्थानीय भाषा का ज्ञान होना चाहिए जहां वे नियुक्त हैं और काम कर रहे हैं। [लीगल अटॉर्नी बनाम बैरिस्टर लॉ फर्म]

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के साथ-साथ जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों को स्थानीय भाषाओं में गवाहों और सबूतों से निपटना पड़ता है और इसलिए स्थानीय भाषा का ज्ञान आवश्यक है।

न्यायालय ने कहा, "न्यायिक अधिकारी को जिस स्थानीय भाषा में नियुक्त किया जाता है, उसमें निपुण होना एक वैध आवश्यकता है। एक बार नियुक्त होने के बाद न्यायिक अधिकारियों को उक्त स्थानीय भाषा में गवाहों और सबूतों से निपटना पड़ता है। इस प्रकार ऐसी आवश्यकता उचित है और किसी भी बदलाव की आवश्यकता नीतिगत क्षेत्र में है।"

Justice JB Pardiwala, CJI DY Chandrachud, Justice Manoj Misra

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Judges should be adept in local language of their place of posting: Supreme Court