Justice SK Kaul 
समाचार

न्यायमूर्ति एसके कौल ने महुआ मोइत्रा की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर विचार से इनकार किया, कहा CJI फैसला करेंगे

जज संजय किशन कौल 25 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे है।पूर्व लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा, जिन्हे 08 दिसंबर को संसद के निचले सदन से निष्कासित कर दिया गया था, ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष फैसले को चुनौती दी है।

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा की  याचिका पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध पर विचार करने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट में यह उल्लेख वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायमूर्ति कौल की पीठ के समक्ष किया क्योंकि भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ एक संविधान पीठ में बैठे थे।  

जस्टिस कौल ने अपनी आगामी सेवानिवृत्ति का जिक्र करते हुए कहा, "सीजेआई को फैसला करने दीजिए... मैं इस स्तर पर फैसला नहीं कर सकता।"न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि मामले का उल्लेख आज दोपहर सीजेआई के समक्ष किया जाए।"

बाद में इस मामले को सीजेआई चंद्रचूड़ के समक्ष रखा गया, जिन्होंने मोइत्रा के वकील को एक ईमेल भेजने के लिए कहा।

वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा "उन्हें निष्कासित कर दिया गया है, वह संसद सदस्य हैं। यदि इसे कल या परसों सूचीबद्ध किया जा सकता है।"

उन्होंने कहा, "अगर कोई ईमेल भेजा गया होता तो हम उस पर गौर करते। कृपया इसे भेजें। हम इस पर तुरंत गौर करेंगे।"

सिंघवी ने कहा कि यह किया जाएगा।

8 दिसंबर (शुक्रवार) को, लोकसभा ने मोइत्रा को संसद सदस्य (एमपी) के रूप में अयोग्य घोषित करने के लिए एक आचार समिति की सिफारिश के मद्देनजर संसद से निष्कासित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। 

आचार समिति की सिफारिश और रिपोर्ट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद आई है, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मोइत्रा ने संसद में कुछ सवाल पूछने के बदले नकद राशि ली थी।

मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने प्रतिद्वंद्वी कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह की कंपनियों के संबंध में संसद में कई सवाल पूछे थे। मोइत्रा पर यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने हीरानंदानी के साथ अपने लोकसभा लॉग-इन क्रेडेंशियल साझा किए थे। 

तृणमूल नेता को आचार समिति ने दोषी पाया था और कहा था कि मोइत्रा की चूक के लिए 'कड़ी सजा' की जरूरत है।

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें


Justice SK Kaul refuses to entertain request for urgent listing of Mahua Moitra plea; says CJI will decide