कर्नाटक मंत्रिमंडल ने गुरुवार को मासिक धर्म अवकाश नीति को मंजूरी दे दी, जिसके तहत सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म अवकाश के रूप में हर महीने एक सवेतन अवकाश मिलेगा।
मासिक धर्म अवकाश नीति 2025 के तहत महिलाओं को मासिक धर्म अवकाश के रूप में सालाना 12 सवेतन अवकाश लेने की अनुमति होगी।
इस घोषणा की घोषणा कल मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर की। उनके बयान में कहा गया,
"मासिक धर्म अवकाश नीति 2025 के तहत, कर्नाटक भर की महिला कर्मचारियों को अब हर महीने एक सवेतन अवकाश मिलेगा - यह एक अधिक मानवीय, समझदार और समावेशी कार्यस्थल की दिशा में एक कदम है।"
डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह नीति राज्य भर के सरकारी कार्यालयों, कपड़ा कारखानों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों, आईटी फर्मों और निजी क्षेत्र के संगठनों में कार्यरत महिलाओं पर लागू होगी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह नीति क्राइस्ट (डीम्ड टू बी) विश्वविद्यालय में एसोसिएट डीन और स्कूल ऑफ लॉ की प्रमुख सपना एस की अध्यक्षता वाली 18 सदस्यीय समिति द्वारा 2024 में प्रस्तुत रिपोर्ट पर आधारित है।
समिति में उद्योगों, ट्रेड यूनियनों, सरकारी विभागों, डॉक्टरों, स्त्री रोग विशेषज्ञों और सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान (आईएसईसी) तथा क्राइस्ट विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के प्रतिनिधि शामिल थे।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
Karnataka approves one paid menstrual leave per month for working women in govt and private sectors