कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री बी वाई येदियुरप्पा को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत उनके खिलाफ दर्ज एक मामले के संबंध में 15 जुलाई को निचली अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट दे दी।
न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित ने येदियुरप्पा द्वारा उनके खिलाफ पोक्सो मामले को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई भी 26 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति दीक्षित ने कहा, "स्थगन का अनुरोध स्वीकार किया जाता है। निचली अदालत के विद्वान न्यायाधीश से अनुरोध है कि अगली सुनवाई की तारीख पर किसी अन्य दिन तक के लिए छूट प्रदान करें, जब तक कि इस मामले की सुनवाई 26 जुलाई को नहीं हो जाती।"
यह मामला उन आरोपों से संबंधित है कि येदियुरप्पा ने एक 17 वर्षीय लड़की के साथ उस समय छेड़छाड़ की, जब वह अपनी मां के साथ मदद मांगने के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता के आवास पर गई थी।
लड़की की माँ ने 14 मार्च को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें येदियुरप्पा पर लड़की का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने पैसे की पेशकश करके मामले को दबाने की कोशिश की थी।
ऐसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने नाबालिग के यौन उत्पीड़न के आरोप में पोक्सो अधिनियम की धारा 8 और आईपीसी की धारा 354 (ए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
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