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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कांग्रेस विधायक विनय कुलकर्णी को ईडी मामले में अंतरिम संरक्षण प्रदान किया

ईडी के वकील ने कहा कि अंतरिम आदेश सुनाए जाने से पहले उन्हें कुलकर्णी की याचिका का विरोध करने का अवसर नहीं दिया गया।

Bar & Bench

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक अंतरिम आदेश पारित कर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया कि वह विधान सभा सदस्य (एमएलए) विनय कुलकर्णी के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न करे, जिन्हें हाल ही में ऐश्वर्या गौड़ा के खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले के संबंध में तलब किया गया था।

न्यायमूर्ति शिवशंकर अमरन्नावर ने केंद्रीय एजेंसी को आवश्यकता पड़ने पर इस अंतरिम आदेश को रद्द करने या इसमें संशोधन करने की स्वतंत्रता प्रदान की।

Justice Shivashankar Amarannavar

दिलचस्प बात यह है कि न्यायाधीश ने आज का अंतरिम आदेश ईडी के वकील, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अरविंद कामथ के कड़े विरोध के बीच सुनाया, जिन्होंने कहा कि आज के अंतरिम आदेश को सुनाए जाने से पहले उन्हें कुलकर्णी की याचिका का उचित तरीके से विरोध करने का अवसर नहीं दिया गया था।

एएसजी कामथ ने अदालत से कहा, "आपका आदेश मुझे सुने बिना कैसे पारित किया जा सकता है? कृपया दर्ज करें कि आदेश मुझे सुने बिना पारित किया गया था और मैं सुनवाई की पिछली तारीख पर भी मौजूद था।"

एएसजी कामथ द्वारा विरोध जताए जाने के तुरंत बाद अदालत की आभासी कार्यवाही को म्यूट कर दिया गया।

Arvind Kamath

यह आदेश कुलकर्णी द्वारा दायर याचिका पर पारित किया गया था, जिसमें उन्होंने हाल ही में उनके परिसर में की गई ईडी की छापेमारी को अवैध घोषित करने के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसी द्वारा उन्हें 2 मई को जारी किए गए समन को रद्द करने का अनुरोध किया था।

यह मामला ऐश्वर्या गौड़ा के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है, जिस पर अपने पति हरीश केएन और अन्य लोगों के साथ मिलकर कई लोगों से करोड़ों की ठगी करने की आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।

ईडी ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने कई निवेशकों से भारी मात्रा में नकदी, सोना आदि लिया और उन्हें उच्च रिटर्न का आश्वासन दिया, लेकिन अपना वादा पूरा नहीं किया। आरोपियों ने कथित तौर पर निवेशकों को इस योजना की शिकायत करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी, यह दावा करते हुए कि गौड़ा के कई हाई-प्रोफाइल राजनेताओं से घनिष्ठ संबंध हैं।

25-26 अप्रैल को, ईडी ने इस मामले के सिलसिले में कई स्थानों पर छापेमारी की और दावा किया कि उसने 2.5 करोड़ रुपये की नकदी के साथ-साथ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिसे उसने 'अपराध की आय' के रूप में वर्गीकृत किया है। गौड़ा को 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था।

ईडी ने कथित तौर पर कुलकर्णी पर गौड़ा के साथ कुछ वित्तीय लेन-देन करने का भी आरोप लगाया है। अप्रैल में ईडी ने कुलकर्णी से जुड़े परिसरों पर भी छापेमारी की थी। कुलकर्णी ने ईडी के आरोपों का सार्वजनिक रूप से खंडन किया और दावा किया कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के तहत परेशान किया जा रहा है।

हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में कुलकर्णी ने कोर्ट से इस मामले के संबंध में उनके खिलाफ की गई ईडी की किसी भी कार्रवाई को रद्द करने का आग्रह किया। अंतरिम राहत के तौर पर कुलकर्णी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि उनकी याचिका पर फैसला होने तक उनके खिलाफ ईडी की किसी भी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए।

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Karnataka High Court grants Congress MLA Vinay Kulkarni interim protection in ED case