Rahul Gandhi and Karnataka High Court  
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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने प्रज्वल रेवन्ना के वीडियो पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी से माफी मांगने की जनहित याचिका खारिज की

अखिल भारतीय समिति द्वारा दायर PIL मे आग्रह किया कि वह राहुल गांधी को महिलाओ की गरिमा का अपमान के लिए माफी मांगने का निर्देश दे जब उन्होंने दावा किया था कि रेवन्ना ने हासन मे "सामूहिक बलात्कार" किया

Bar & Bench

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भारतीय महिलाओं की गरिमा का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए माफी मांगने की मांग की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि जनता दल (सेक्युलर) के नेता प्रज्वल रेवन्ना ने "400 महिलाओं के साथ बलात्कार किया और इस कृत्य को फिल्माया", और यह "सेक्स स्कैंडल नहीं बल्कि सामूहिक बलात्कार" था।

मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया और न्यायमूर्ति के अरविंद ने कहा कि जनहित याचिका न्यायिक समय की बर्बादी है और उन्होंने याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया।

Chief Justice NV Anjaria and Justice KV Aravind

अखिल भारतीय दलित एक्शन समिति (याचिकाकर्ता) के वकील ने आज दलील दी कि राहुल गांधी ने अपने गैरजिम्मेदाराना बयानों से भारतीय महिलाओं, विशेषकर हसन की महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।

उन्होंने न्यायालय से आग्रह किया कि कम से कम नोटिस जारी किया जाए ताकि गांधी को जवाब देने का निर्देश दिया जा सके।

वकील ने तर्क दिया, "वह (गांधी) एक सीरियल अपराधी है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि मोदी सरनेम वाले सभी लोग चोर हैं। उनकी (गांधी की) नागरिकता पर ही सवाल उठ रहे हैं और दिल्ली उच्च न्यायालय इस मामले पर विचार कर रहा है। माई लॉर्ड्स, यह एक गंभीर मामला है। मैं इसे वापस नहीं लूंगा। मनगढ़ंत बयानों के कारण सभी भारतीय महिलाओं की गरिमा दांव पर लगी है। मैं प्रार्थना करता हूं कि कम से कम नोटिस जारी किए जाएं। उन्हें आकर स्पष्टीकरण देने दें। इस बयान के कारण हसन की हर महिला के चरित्र पर सभी को संदेह हो रहा है... उन्हें आकर न्यायालय के समक्ष गवाही देनी चाहिए। अगर अंत में मैं गलत पाया जाता हूं, तो मुझे सजा दी जाए।"

हालांकि, न्यायालय इससे सहमत नहीं था और जुर्माना लगाकर याचिका खारिज कर दी।

इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायालय से कम से कम जुर्माना माफ करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य के वकील द्वारा उनके इरादों पर सवाल उठाने पर भी आपत्ति जताई।

राज्य के वकील ने आज याचिकाकर्ता पर बदला लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया और न्यायालय से जुर्माना लगाने का आग्रह किया।

याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया, "मैंने जो सही काम किया है, उसके लिए मुझ पर जुर्माना नहीं लगाया जा सकता। राज्य एक राजनीतिक दल की तरह व्यवहार नहीं कर सकता।"

अखिल भारतीय दलित कार्य समिति द्वारा दायर जनहित याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि गांधी ने बिना किसी सबूत के सार्वजनिक भाषण में अपने आरोप लगाए।

याचिका में कहा गया है कि ऐसा करके गांधी ने जनता को गुमराह किया, गलत सूचना फैलाई और नई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत परिभाषित महिलाओं की गरिमा का भी अपमान किया।

याचिका में कहा गया है कि गांधी का बयान घृणास्पद भाषण है, क्योंकि उन्होंने "लिंग आधारित घृणा" फैलाने के उद्देश्य से रेवन्ना के खिलाफ आरोप लगाए थे।

जनहित याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया गया था कि वह गांधी को अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने का निर्देश दे। साथ ही न्यायालय से अनुरोध किया गया था कि वह राष्ट्रीय महिला आयोग को गांधी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दे।

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Karnataka High Court rejects PIL for apology from Rahul Gandhi over remarks on Prajwal Revanna videos