बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से नोटरी (संशोधन) विधेयक, 2021 के संबंध में एक एमिकस क्यूरी रिपोर्ट में निहित सुझावों पर विचार करने के लिए कहा। [धनलक्ष्मी चंदू देवरुकर बनाम द टाउन प्लानिंग एंड कनेक्टेड याचिका ]।
इस आशय का एक आदेश न्यायमूर्ति एसजे कथावाला और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ द्वारा पारित किया गया था, यह देखते हुए कि कानूनी मामलों के विभाग ने नोटरी (संशोधन) विधेयक, 2021 (बिल) प्रकाशित किया था, जिसमें 15 दिसंबर, 2022 तक टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए गए थे।
कोर्ट ने निर्देश दिया, "हम इसे उचित समझते हैं कि इस न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल विद्वान अधिवक्ता श्री नौशेर कोहली द्वारा उनके उचित विचार के लिए कानूनी मामलों के विभाग को प्रस्तुत 9 दिसंबर, 2021 की रिपोर्ट (एमिकस क्यूरी की) के साथ इस आदेश की एक प्रति तत्काल अग्रेषित करें। हम कानूनी मामलों के विभाग से अनुरोध करते हैं कि इस आदेश और श्री नौशेर कोहली, विद्वान अधिवक्ता द्वारा ड्राफ्ट बिल को अधिनियमित करते समय प्रस्तुत की गई 9 दिसंबर, 2021 की रिपोर्ट पर उचित विचार करें।"
अदालत ने यह आदेश तब पारित किया जब अदालत ने गैर-पेशेवर तरीके से नोटरी के रूप में नियुक्त अधिवक्ताओं के साथ काम कर रहे थे, जिसमें ऐसे वकील अक्सर सार्वजनिक पार्किंग और टैक्सियों में पार्क किए गए वाहनों से दस्तावेजों को नोटरी करते थे।
आदेश में कहा गया है, "हाल ही में यह देखा गया है कि नोटरी ने कार्यालय/कक्ष के बजाय सार्वजनिक पार्किंग में खड़े वाहनों से दस्तावेजों को नोटरी करना शुरू कर दिया है। यह भी देखा गया है कि नोटरी इस न्यायालय के आसपास सार्वजनिक टैक्सियों से संचालित हो रहे हैं ... ..जो दर्शाता है कि कानूनी पेशे ने किस हद तक अपमानित किया है जिससे न केवल न्यायपालिका को पीड़ा हुई है बल्कि आम जनता की नजर में पेशे की गरिमा भी कम हुई है।“
[आदेश पढ़ें]
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