दिल्ली उच्च न्यायालय 20 जुलाई को अग्निपथ योजना के माध्यम से सशस्त्र बलों में भर्ती को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, जिसमें चार साल के लिए युवाओं को सेना में शामिल करने का प्रस्ताव है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ भारतीय नौसेना में भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देने वाली 2021 की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाले समान मामले पहले से ही अदालत के समक्ष लंबित हैं और उन्हें साथ में सुना जाना चाहिए।
मेहता ने कहा कि इन याचिकाओं के मुद्दे आपस में जुड़े हुए हैं और इसलिए इन पर एक साथ विचार किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने अपने आदेश मे कहा "विद्वान सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को सूचित किया है कि वर्तमान याचिका के विषय को छूने वाले कुछ अन्य मुद्दे हैं। कार्यालय को 20 जुलाई को वर्तमान याचिका के साथ याचिका को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है।"
उच्च न्यायालय सशस्त्र बलों में भर्ती से संबंधित दो मामलों पर विचार कर रहा है।
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