Allahabad High Court, Justice Pankaj Naqvi, Justice Jayant Banerji 
वादकरण

अदालती कार्यवाही की लाइव रिपोर्टिंग के लिए दायर याचिका मे इलाहाबाद HC ने कहा: "आपको रिपोर्ट करने से कौन रोक रहा है?"

इलाहाबाद उच्च न्यायालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने भी पीठ को सूचित किया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के अध्यक्ष से अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए दिशानिर्देश प्राप्त हुए हैं।

Bar & Bench

इलाहाबाद उच्च न्यायालय को आज वकील द्वारा सूचित किया गया कि प्रशासनिक पक्ष ने अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग और लाइव रिपोर्टिंग के सभी पहलुओं पर काम करना शुरू कर दिया है। (अरीब उद्दीन अहमद और अन्य बनाम इलाहाबाद उच्च न्यायालय)।

कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि कोई भी मीडिया को इस तरह की कार्यवाही की रिपोर्ट करने से नहीं रोक रहा है।

जस्टिस पंकज नकवी और जयंत बनर्जी की डिवीजन बेंच ने पूछा, "आपको कौन रोक रहा है?"

आज पारित आदेश में कहा गया है,

"उच्च न्यायालय की ओर से उपस्थित श्री आशीष मिश्रा के निवेदन के अनुसार, उच्चतम न्यायालय की ई-समिति के अध्यक्ष से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लाइव स्ट्रीमिंग के लिए दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।

इन परिस्थितियों में श्री मिश्रा द्वारा स्थगन की मांग की गई है। मामला स्थगित किया जाता है। 6 सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया जाये।"

इलाहाबाद उच्च न्यायालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने भी पीठ को सूचित किया कि उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ से अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए दिशानिर्देश प्राप्त हुए हैं। उन्होने कहा,

“मुझे इस मामले में सभी निर्देश मिले हैं। लगभग 4-5 दिन पहले, हमें भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के अध्यक्ष से लाइव स्ट्रीमिंग के लिए दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं, जिसमें दिशानिर्देशों की अनुकूलन क्षमता पर विचार करने के लिए माननीय मुख्य न्यायाधीश से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। इसमें थोड़ा वक्त लगेगा।“

यह भी प्रस्तुत किया गया था कि न्यायालय जित्सी मीट से किसी अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर स्विच करने की प्रक्रिया में था, जो याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए सभी चिंताओं को दूर करेगा।

कोर्ट ने जवाब में कहा,

"वे अब कार्यान्वयन पहलू पर काम कर रहे हैं, उन्हें एक परिणाम के साथ आने दें।"

याचिकाकर्ताओं के वकील, अधिवक्ता शाश्वत आनंद ने प्रस्तुत किया कि प्रशासन का प्रस्तुतीकरण लाइव स्ट्रीमिंग पहलू पर था, लेकिन याचिकाकर्ताओं की प्राथमिक चिंता अदालती सुनवाई की लाइव रिपोर्टिंग थी।

इस संबंध में, कोर्ट ने टिप्पणी की,

"कोई भी आपके अधिकार पर विवाद नहीं कर रहा है।"

याचिका कुछ कानून के छात्रों के साथ पत्रकार अरीब उद्दीन अहमद (बार और बेंच) और स्पर्श उपाध्याय (लाइव लॉ) द्वारा दायर की गई थी।

याचिका में प्रेस के मौलिक अधिकार का आह्वान किया गया है, जो कि बोलने की स्वतंत्रता के अधिकार का हिस्सा है, ताकि आभासी या भौतिक सुनवाई तक पहुंच प्राप्त की जा सके और जैसे ही वे घटित होते हैं, उसी की रिपोर्ट दी जा सके।

मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।

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"Who is preventing you from reporting?" Allahabad High Court in plea for live reporting of court proceedings