Allahabad High Court
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वादकरण

33 लाख फाइलें: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने न्यायिक रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया

Bar & Bench

देश की सबसे पुरानी अदालतों में से एक इलाहाबाद उच्च न्यायालय, अपने मामले के रिकॉर्ड और इसकी फाइलों के प्रबंधन के डिजिटलीकरण का कार्य कर रहा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास लगभग एक करोड़ तय केस रिकॉर्ड में से - जिसमें इलाहाबाद की प्रिंसिपल सीट मे लगभग 35 करोड़ पेजों वाली 70 लाख फाइलें शामिल हैं और लखनऊ बेंच में 15 करोड़ पन्नों के साथ 30 लाख फाइलें - इलाहाबाद में 26,44,596 फाइलें और लखनऊ में 6,88,368 फाइलें अब तक डिजीटल हो चुकी हैं।

जिन फाइलों का डिजिटाइजेशन हो गया है , उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा बनाये गये नियमों का सख्ती से पालन करते हुये नष्ट किया जा रहा है ताकि सारे आवश्यक पन्नों को डिजिटल प्रारूप में सुरक्षित रख लिया जाये और मूल रिकार्ड का सुरक्षित तरीके से निस्तारण कर दिया जाये।

उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आज की तारीख तक करीब 2,08,680 मूल न्यायिक रिकार्ड को स्कैनिंग और डिजिटाइज रिकार्ड के सत्यापन के बाद नष्ट करने के लिये भेजा जा चुका है।

उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आज की तारीख तक करीब 2,08,680 मूल न्यायिक रिकार्ड को स्कैनिंग और डिजिटाइज रिकार्ड के सत्यापन के बाद नष्ट करने के लिये भेजा जा चुका है।

‘‘खामोशी के साथ डिजटाइजेशन के बाद नष्ट किये गये न्यायिक रिकार्ड के साथ बड़ा मुद्दा स्थान की उपलब्धता है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय जैसे विशाल प्रतिष्ठान के लिये बहुत बड़ी संख्या में फाइलों और न्यायिक रिकार्ड के लिये कोई भी जगह पर्याप्त नहीं लग रही थी। निश्चित ही इतनी बड़ी संख्या में मुकदमे की फाइलें और न्यायिक रिकार्ड का डिजटाइजेशन के बाद नष्ट किये जाने से निश्चित ही यह जगह की समस्या के समस्या के लिये वरदान साबित होने की उम्मीद है और इससे स्टाफ तथा वकीलों को भी उद्धृत करने के लिये पुराने मामलों और न्यायिक रिकार्ड को खोजने में आसानी होगी जिसे यह काम पूरा होने के बाद सिर्फ एक बटन क्लिक करके प्राप्त किया जा सकेगा। ’’

दिल्ली सरकार ने भी हाल ही में जिला अदालतों के रिकार्ड का डिजिटाइजेशन करने के लिये छह करोड़ रूपए मंजूर किए हैं।

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33 lakh files and counting: Allahabad High Court undertakes digitization of its judicial records