Anil deshmukh, Enforcement directorate and Supreme court 
वादकरण

[अनिल देशमुख मामला] SC ने SIT जांच की याचिका खारिज करने के बॉम्बे HC के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र की अपील को खारिज कर दिया

जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की बेंच ने स्पष्ट किया कि वह "इस मामले को नहीं छूएगी।"

Bar & Bench

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से संबंधित मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी गई थी। (महाराष्ट्र राज्य बनाम सीबीआई)।

जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की बेंच ने स्पष्ट किया कि यह "इस मामले को नहीं छूएगा।"

महाराष्ट्र सरकार ने देशमुख के खिलाफ दर्ज मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मुख्य सचिव सीताराम कुंटे और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय पांडे को जारी समन को चुनौती दी थी।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने इस चुनौती को खारिज कर दिया था और सीबीआई के बजाय मामले की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित करने की प्रार्थना को भी खारिज कर दिया था।

कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा "महाराष्ट्र सरकार के आचरण सहित परिस्थितियों की समग्रता को देखते हुए, जैसा कि न्यायिक आदेशों द्वारा देखा गया और रिकॉर्ड से प्रकट हुआ, सरकार इस याचिका में किसी भी राहत की हकदार नहीं है। राज्य के इस तर्क में कोई दम नहीं है कि सीबीआई को मामले में जांच करने का अधिकार नहीं है। सीबीआई से जांच वापस लेने और प्रार्थना के अनुसार इसे एसआईटी को सौंपने का कोई मामला नहीं बनता है।"

बेंच ने तर्क दिया कि असुविधाजनक समय पर अधिकारियों को दिल्ली बुलाने को उत्पीड़न या शर्मिंदगी नहीं कहा जा सकता और इससे उनके कर्तव्यों पर कोई असर नहीं पड़ता।

पीठ ने जोर देकर कहा, "हम यह समझने में विफल हैं कि जांच में भाग लेने का अनुरोध करना इन दोनों अधिकारियों का उत्पीड़न कैसे होगा।"

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[Anil Deshmukh case] Supreme Court rejects appeal by Maharashtra against Bombay HC order rejecting plea for SIT probe