महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और दुर्भावनाओं के आरोपों के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ दायर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करने की मांग को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है।
वकील सोनाली जाधव के माध्यम से याचिका दायर मे याचिका की पेंडेंसी के दौरान सीबीआई द्वारा जबरदस्ती कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा की मांग भी की गयी है।
याचिका मे इस सप्ताह मे तत्काल सुनवाई संभावना है।
सिंह, जिन्हें मुंबई पुलिस के आयुक्त के पद से हटा दिया गया था, ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका के माध्यम से सीबीआई जांच की मांग की थी।
उच्च न्यायालय ने सीबीआई को आरोपों की प्रारंभिक जांच करने की अनुमति दी थी।
सीबीआई ने उच्च न्यायालय के समक्ष सिंह द्वारा दायर याचिका में उल्लिखित तथ्यों पर भरोसा करने के लिए कहा कि देशमुख ने कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग पर अनुचित प्रभाव डाला और उनके कर्तव्यों के निर्वहन में हस्तक्षेप किया।
CBI के यह जानने के बाद कि देशमुख के खिलाफ एक संज्ञेय अपराध था, देशमुख और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (लोक सेवक द्वारा प पदीय कार्य के लिए वैध पारिश्रमिक से भिन्न परितोष लिया जाना) के तहत अपराध के आरोप लगाए गए थे।
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[BREAKING] Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh moves Bombay High Court against CBI FIR