बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा बेंच ने बुधवार को राज्य और अन्य अधिकारियों को राज्य की ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी प्रयास करने के लिए कहा और कहा ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने वाले COVID पॉजिटिव मरीजों को अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का घोर उल्लंघन है।
न्यायमूर्ति एमएस सोनक और एनडब्ल्यू साम्बरे की खंडपीठ ने कहा कि राज्य में आक्सीजन की कमी से कई मौतें हो रही हैं और न्यायालय और प्राधिकरण इनकार नहीं कर सकते।
न्यायालय ने कहा कि अकेले गोवा मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन के 1000 सिलेंडर की जरूरत है, जिसमें से 500 को दोपहर 2 बजे तक पहुंचाने की जरूरत है।
कोर्ट ने GMC के डीन द्वारा यह भी दर्ज किया कि उसे 72 ट्रॉली ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी यदि भर्ती मरीजों को प्रभावी ढंग से इलाज करना है और ऑक्सीजन की इच्छा के लिए कोई मृत्यु नहीं है
न्यायालय ने राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वही मिले।
न्यायालय ने कहा कि इस स्तर पर हम केवल यह कह सकते हैं कि राज्य प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए और प्रयास करने होंगे कि जीएमसी को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए।
अदालत दक्षिण गोवा अधिवक्ता संघ (SGAA) द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो गोवा में COVID-19 प्रबंधन से संबंधित मुद्दों में अदालत के हस्तक्षेप की मांग कर रही थी।
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Article 21 is completely violated if people die due to lack of Oxygen: Bombay High Court Goa Bench