गुरुवार को गिरफ्तार किए गए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी रोमिल रामगढ़िया को 19 दिसंबर तक मुंबई के एस्प्लानेड स्थित मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
रामगढ़िया को मुंबई पुलिस ने फर्जी टेलीविजन रेटिंग अंक (टीआरपी) घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
8 अक्टूबर के बाद से, मुंबई पुलिस ने कई लोगों को कथित रूप से फर्जी टीआरपी घोटाले में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार लोगों में, महा मूवी के मालिक अमित दवे; रिपब्लिक टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी,विकास खानचंदानी; सहायक उपाध्यक्ष, रिपब्लिक टीवी घनश्याम सिंह, और फ़क़्त मराठी चैनल के सह-प्रचारक शिरीष पट्टनशेट्टी हैं को मुंबई न्यायालयों द्वारा जमानत दी गई।
एक अन्य आरोपी, प्रिया मुखर्जी, रिपब्लिक टीवी सीओओ, को कर्नाटक उच्च न्यायालय के साथ-साथ मुंबई सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत दी गई थी।
मुंबई पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से घोषणा की थी कि उन्होंने फर्जी टीआरपी घोटाला मामले का भंडाफोड़ किया है जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शामिल है।
BARC, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के तहत एक संगठन है, जिसे बैरोमीटर की मदद से TRP को मापने का काम सौंपा गया है।
बैरोमीटर की यह स्थापना हंसा रिसर्च ग्रुप नामक कंपनी द्वारा की गई थी।
क्राइम ब्रांच ने हंसा ग्रुप के कुछ कर्मचारियों के माध्यम से टीआरपी घोटाले में जांच शुरू की, कि विशेष टीवी चैनलों को देखने के लिए लोगों को भुगतान करके पैमाइश सेवाओं में हेरफेर किया जा रहा था।
मुंबई पुलिस ने नवंबर के अंतिम सप्ताह में मामले में अपनी पहली चार्जशीट भी दायर की, जिसमें हंसा रिसर्च ग्रुप और रिपब्लिक टीवी के कई कर्मचारी शामिल थे।
हंसा ग्रुप ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसमे क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को रिपब्लिक टीवी के बारे में गलत जानकारी देने के लिए हंसा कर्मचारियों को परेशान करने के लिए क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को प्रतिबंधित की मांग की गयी।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें
[TRP Scam] BARC former COO, Romil Ramgarhia to be in police custody till December 19