बेंगलुरु की एक अदालत ने हाल ही में विप्रो के संस्थापक अध्यक्ष अजीम प्रेमजी और अन्य के खिलाफ कथित आपराधिक विश्वासघात और भ्रष्टाचार के लिए दो अलग-अलग आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया। [इंडिया अवेक फॉर ट्रांसपेरेंसी बनाम अजीम हाशम प्रेमजी और अन्य]।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसीए) के तहत विशेष न्यायाधीश लक्ष्मीनारायण भट्ट के ने कहा कि प्रेमजी, उनकी पत्नी और एक पीवी श्रीनिवासन के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है। आदेश में कहा गया है,
"अभिलेख में रखी गई सामग्री से पता चलता है कि आरोपी क्रमांक 1 से 3 तक लोक कर्तव्य का पालन कर रहे थे और इसलिए वे लोक सेवक हैं। पीसी अधिनियम की धारा 13(1)(डी) और भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के साथ पठित धारा 409 और 120बी के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोनों शिकायतों में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त सामग्री है।"
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें