वादकरण

कोविड मे सरकार द्वारा गरीबो की सुध नही लेने पर AG कुंभकोणी ने बंबई HC से कहा इन वीडियो के कारण मै सोशल मीडिया से दूर रहता हूं

महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने वायरल व्हाट्सऐप वीडियो के बारे में जानकारी मांगी थी

Bar & Bench

बंबई उच्च न्यायालय की इस पीठ ने उस व्हाट्सऐप वीडियो के खिलाफ कार्यवाही आज बंद कर दी जिसमे पूर्व विशेष कार्य अधिकारी ओमप्रकाश शेते को यह दावा करते दिखाया गया था कि कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार गरीबो की मौत के मामलों के प्रति अकर्मण्यता दिखाती है।

न्यायालय ने यह कार्यवाही उस समय बंद कर दी जब उसे सूचित किया गया कि इसी तरह के मुद्दे पर औरंगाबाद बेंच विचार कर रही है।

महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी से इससे पहले मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने इस वायरल व्हाट्सऐप वीडियो के बारे में जानकारी मांगी थी।

तद्नुसार, महाधिवकता ने ओमप्रकाश शेटे से संबंधित जानकारियों वाले दस्तावेज न्यायालय के साथ साझा किये। सुनवाई शुरू होते ही महाधिवक्ता ने पीठ को इस तथ्य से अवगत कराया कि शेटे ‘स्व घोषित राजनीतिक व्यक्ति’ है।

उन्होने कहा कि शेटे का '17 लाख लोगों की सेवा करने संबंधी' दावा निश्चित ही उस समय का होगा जब वह पूव मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणवीस की सरकार में विशेष कार्य अधिकारी था।

महाधिवक्ता ने महामारी के दौरान शेटे के कामों की जानकारी देने के लिये उसके सोशल मीडिया हैंण्डल और वेबसाइट का भी उल्लेख किया।

महाधिवक्ता ने महामारी के दौरान मरीजो की स्थिति के बारे में शेटे की फेसबुक प्रोफाइल पर लगायी गयी तस्वीरों, ग्राफिक्स ओर वीडियो की जानकारी भी पीठ के समक्ष पेश की।

इसके बाद, महाधिवक्ता ने न्यायालय को सूचित किया कि शेटे ने इसी मुद्दे पर औरंगाबाद बेंच में भी एक जनहित याचिका दायर कर रखी है।

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, जब न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला के साथ औरंगाबाद पीठ की अध्यक्ष कर रहे थे, तो उन्होने इस जनहित याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया था।

महाधिवक्ता ने कहा कि जनहित याचिका 16 सितंबर, 2020 को विचारार्थ स्वीकार करने संबंधी न्यायालय का आदेश भी शेटे ने अपने फेसबुक पेज पर अपलोड किया है।

पीठ ने महाधिवक्ता द्वारा पेश दस्तावेजों के अवलोकन के बाद मौखिक रूप से कहा कि वे इस मामले को खत्म कर रहे हैं।

महाधिवक्ता ने हंसते हुये टिप्पणी की,

‘‘इस तरह के वीडियो की वजह से ही मैं सोशल मीडिया से दूर रहता हूं।’’

औरंगाबाद बेंच में शेटे द्वारा दायर जनहित याचिका में सिर्फ वेंन्टीलेटर पर रखे गये मरीजों को ही नही बल्कि कोविड मरीजों के लिये महात्मा ज्यातिबा फुले जन स्वास्थ्य योजना लागू करने का अनुरोध किया है।

यह योजना गरीब लोगों को कैशलेस उच्च श्रेणी की मेडिकल सुविधा प्रदान करती है।

औरंगाबाद बेंच में इस जनहित याचिका पर 30 सितंबर को सुनवाई होगी।

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Because of such videos, I stay away from Social Media: AG Kumbhakoni to Bombay HC on video alleging Govt not taking care of poor amid COVID