बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के बारे में कथित रूप से अपमानजनक फेसबुक पोस्ट डालने के आरोपी एक व्यक्ति को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी थी। (अब्दुल रहीम अब्दुल गनी घड़ियाली बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य)।
आवेदक अब्दुल रहीम अब्दुल गनी घड़ियाली पर ठाणे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था।
आरोपी ने प्रस्तुत किया कि उन्हें एक आरटीआई कार्यकर्ता और एक व्हिसलब्लोअर होने के लिए फंसाया गया है।
उनका मामला यह था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम से फेसबुक अकाउंट बनाकर उनके अकाउंट के जरिए पोस्ट कर दिया था। उन्होंने खाते के साथ-साथ पोस्ट को भी अस्वीकार कर दिया।
जांच अधिकारी के निर्देश पर अपर लोक अभियोजक ने प्रस्तुत किया कि आईपी एड्रैस और ऐसे अन्य विवरणों पर रिपोर्ट एक महीने के भीतर प्राप्त हो जाएगी।
इस दलील पर न्यायमूर्ति संदीप के शिंदे ने कहा कि यह पता लगाने के लिए कि खाता नकली है या नहीं, रिपोर्ट के बिना सुरक्षा से इनकार करना उचित नहीं होगा।
अदालत ने, इसलिए, शिकायतकर्ता-प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए 20000 के बांड निष्पादित करने पर गिरफ्तारी की स्थिति में आवेदक को अंतरिम अग्रिम जमानत दी।
न्यायमूर्ति शिंदे ने जांच अधिकारी को पोस्ट के आगे प्रसार को रोकने के लिए संबंधित फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कदम उठाने का भी निर्देश दिया।
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