Delhi high court, amazon and future 
वादकरण

ब्रेकिंग: दिल्ली हाईकोर्ट ने SIAC मे Amazon द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता को समाप्त करने के लिए फ्यूचर ग्रुप की याचिका खारिज की

यह आदेश न्यायमूर्ति सी हरि शंकर द्वारा दिया गया था, जिन्होंने तर्कों के गुणों पर राय व्यक्त नहीं की, जबकि मध्यस्थता को फिर से शुरू करने की अनुमति दी।

Bar & Bench

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फ्यूचर ग्रुप की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) के समक्ष अमेजन द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता की कार्यवाही को समाप्त करने की मांग की गई थी।

एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने कहा कि उन्होंने पक्षों द्वारा उठाए गए तर्कों के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है और एसआईएसी के समक्ष मध्यस्थता जारी रहेगी।

मध्यस्थता फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (FCPL) में 49% हिस्सेदारी हासिल करने वाले Amazon के 2019 के सौदे से संबंधित है और यह उन कई कानूनी विवादों में से एक है, जिनमें कंपनियां उलझी हुई हैं।

सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) अमेज़न और फ्यूचर ग्रुप के बीच मध्यस्थता की सुनवाई कर रहा है।

इस साल 28 जून को ट्रिब्यूनल ने फ्यूचर ग्रुप द्वारा दायर दो आवेदनों को खारिज कर दिया, जिसमें कार्यवाही को समाप्त करने की मांग की गई थी।

ट्रिब्यूनल के आदेश को चुनौती देते हुए फ्यूचर ग्रुप दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा।

याचिका में कहा गया है कि ट्रिब्यूनल का आदेश यह मानने में विफल रहा कि सीसीआई का आदेश मध्यस्थता की कार्यवाही जारी रखने में कानूनी बाधा है।

फ्यूचर ग्रुप ने ट्रिब्यूनल के एक आदेश पर आपत्ति जताते हुए एक और याचिका दायर की थी जिसमें मध्यस्थता के दावे में संशोधन के लिए अमेज़ॅन के अनुरोध को अनुमति दी गई थी।

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[BREAKING] Delhi High Court dismisses Future Group plea for termination of arbitration initiated by Amazon at SIAC