Shahi Mosque, Shri Krishna Janmasthan 
वादकरण

मथुरा कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए मुकदमा खारिज कर दिया, जिसमे दावा किया कि यह कृष्ण जन्मभूमि पर बनाया गया था

न्यायालय ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत मामले को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

Bar & Bench

मथुरा की एक सिविल कोर्ट ने आज शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए एक मुकदमे को इस आधार पर खारिज कर दिया, कि यह कृष्ण जन्मभूमि पर बनाया गया था।

यह आदेश आज एडीजे छाया शर्मा ने सुनाया।

न्यायालय ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत मामले को स्वीकार करने पर प्रतिबंध का हवाला देते हुए लेने से इनकार कर दिया।

हिंदू देवता, भगवान श्री कृष्ण विराजमान द्वारा नैक्सट फ्रेंड के माध्यम से प्रस्तुत सिविल सूट मे, अतिक्रमण और मस्जिद को हटाने की मांग की थी।

ये दावा किया गया था कि "कथित ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह के प्रबंधन समिति द्वारा अवैध रूप से उठाया गया था, जो कि वक्फ की जमीन सनी सेंट्रल बोर्ड वक्फ नं. 255 की सहमति से कटरा केशव देव शहर मथुरा में देवता श्री कृष्ण विराजमान से संबंधित था। "

यह सूट बताता है कि हजारों वर्षों से भारत में प्रचलित हिंदू कानून के तहत, यह अच्छी तरह से मान्यता है कि "एक बार देवता में निहित संपत्ति देवताओं की संपत्ति होगी और देवता में निहित संपत्ति कभी नष्ट नहीं होती है या खो जाती है और इसे फिर से प्राप्त किया जा सकता है। और जब भी इसे मुक्त किया जाता है, तब इसे आक्रमणकारियों के चंगुल से छुड़ाया जाता है, पाया जाता है या बरामद किया जाता है।"


अन्य प्रस्तुतियों के बीच, वादी ने तर्क दिया था कि मथुरा भूमि पर मंदिरों को मुगल शासक औरंगजेब द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था।

वादी ने कहा कि जन्मभूमि ट्रस्ट संपत्ति को सुरक्षित और संरक्षित करने में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहा है। ट्रस्ट 1958 से अयोग्य है। "श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ" और शाही ईदगाह ट्रस्ट के बीच 1968 के एक समझौता विलेख को भी सूट में खारिज करने की मांग की गई थी।

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[Breaking] Mathura Court dismisses suit to remove Shahi Idgah Masjid on claim that it was built over Krishna Janmabhoomi