सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पुतनिक वी सहित अब तक के सभी COVID-19 टीकों के सरकार के खरीद इतिहास पर पूरा डेटा प्रस्तुत करने को कहा है।
कोर्ट ने आदेश दिया कि डेटा को स्पष्ट करना चाहिए: (ए) सभी 3 टीकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए सभी खरीद आदेशों की तारीखें; (बी) प्रत्येक तिथि के अनुसार आदेशित टीकों की मात्रा; तथा (सी) आपूर्ति की अनुमानित तिथि।
कोर्ट ने केंद्र से यह भी कहा कि केंद्र सरकार चरण 1, 2 और 3 में शेष आबादी का टीकाकरण कैसे और कब करना चाहती है, इसकी रूपरेखा प्रदान करें।
देश में कोविड -19 प्रबंधन से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा शुरू किए गए मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, एल नागेश्वर राव और एस रवींद्र भट की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया था।
न्यायालय ने सरकार को यह भी आदेश दिया कि टीकाकरण अभियान के पहले तीन चरणों में पात्र व्यक्तियों के मुकाबले एक खुराक और दोनों खुराक के साथ टीकाकरण की गई आबादी के प्रतिशत पर डेटा प्रदान करें।
कोर्ट ने कहा कि इसमें ग्रामीण आबादी के प्रतिशत के साथ-साथ शहरी आबादी के प्रतिशत से संबंधित आंकड़े शामिल होंगे।
इसके अलावा, कोर्ट ने म्यूकोर्मिकोसिस के लिए दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी जानकारी मांगी
इन सभी विवरणों को दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामे के माध्यम से दाखिल करना होगा।
कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह स्पष्ट करने के लिए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया कि क्या वे राज्य टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त में COVID के टीके दे रहे हैं।
31 मई को पारित आदेश को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 2 जून को ही प्रकाशित किया गया था।
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