कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस द्वारा 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद राज्य में हुई हिंसा के संबंध मे राज्य सरकार से एक रिपोर्ट मांगी।
रिपोर्ट 10 मई तक प्रस्तुत करनी होगी।
अदालत तब विचार करेगी कि हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए या नहीं।
यह आदेश एक वकील अनिंद्य सुंदर दास द्वारा दायर याचिका पर दिया गया, जिसमें दावा किया गया था कि राज्य में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच हुए चुनावों के बाद कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है।
याचिका में पुलिस की ओर से कर्तव्य की गंभीर रूप से अवहेलना करने का आरोप लगाया गया था।
याचिका में कहा गया है, "पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी भयावह है। विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इस तरह की जघन्य गतिविधियां लोगों के लिए बुरा सपना बन गई हैं।"
यह प्रस्तुत किया गया था कि, विभिन्न राजनीतिक दल के कार्यकर्ता और आम लोग हिंसा से बचने के लिए अपने घरों से भाग रहे हैं।
पुलिस द्वारा इस तरह की निष्क्रियता शर्मनाक है और लोकतंत्र और वारंटों को उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप को नुकसान पहुँचाती है।
पुलिस कर्मी इस तरह के अपमान के कारण के रूप में न्यायालय द्वारा दिखाए जाने के लिए उत्तरदायी हैं।
उपरोक्त के आधार पर, दास ने हिंसा को रोकने के उपायों के लिए प्रार्थना की और उसी की जांच के लिए एसआईटी के गठन की भी मांग की।
यह भी प्रार्थना की गई कि अशांत क्षेत्रों में पर्याप्त केंद्रीय बल तैनात किया जाए और जो लोग मारे गए थे, उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।
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