सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंगलवार को सिफारिश की कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के दो अतिरिक्त न्यायाधीशों को उस न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश बनाया जाए।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई की कॉलेजियम ने अपनी बैठक में स्थायी किए जाने वाले निम्नलिखित न्यायाधीशों के नामों को मंजूरी दी:
न्यायमूर्ति वेंकट ज्योतिर्मई प्रताप और
न्यायमूर्ति वेणुथुरमल्ली गोपाल कृष्ण राव।
इस वर्ष 16 मई को उच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने सिफारिश की थी कि न्यायाधीशों को स्थायी किया जाए।
सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने पाया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने उक्त सिफारिश पर अपने विचार व्यक्त नहीं किए हैं।
प्रस्ताव में कहा गया है, "न्याय विभाग ने प्रक्रिया ज्ञापन के पैरा 14 का हवाला देते हुए उपरोक्त सिफारिश को आगे बढ़ाया है, जिसमें प्रावधान है कि यदि राज्य के संवैधानिक अधिकारियों की टिप्पणियां निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्राप्त नहीं होती हैं, तो विधि एवं न्याय मंत्री को यह मान लेना चाहिए कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के पास प्रस्ताव में जोड़ने के लिए कुछ नहीं है और तदनुसार आगे बढ़ना चाहिए।"
इसके बाद उच्च न्यायालय के मामलों से परिचित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों से परामर्श किया गया। उन्होंने सहमति व्यक्त की कि दोनों न्यायाधीश स्थायी न्यायाधीश के रूप में पुष्टि के लिए उपयुक्त हैं।
कॉलेजियम ने रिकॉर्ड पर मौजूद सभी सामग्रियों की जांच की और दोनों न्यायाधीशों को उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की।
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Collegium recommends two additional judges of Andhra Pradesh High Court to be made permanent