Faculty of Law 
वादकरण

प्रोन्नत छात्रो के पहले के सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित करने के फैसले के खिलाफ याचिका पर दिल्ली HC का BCI, विधि संकाय को नोटिस

याचिकाकर्ताओं का दावा कि अगले सेमेस्टर के लिये प्रोन्नत किये जाने के बाद छात्रों को इससे पहले के सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने के लिये कहना अनुचित और यूजीसी की अधिसूचना के विपरीत है

Bar & Bench

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर बार काउन्सिल ऑफ इंडिया और लॉ फैकल्टी को नोटिस जारी किये हैं जिसमे दूसरे और तीसरे वर्ष के लिये प्रोन्नत किये गये छात्रो को पहले अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा देने के लिये कहा गया है।

इस अंतिम सेमेस्टर की विलंबित परीक्षा तीनों केन्द्र फिर से खुलने के बाद आयोजित की जायेगी।

याचिका में बार काउन्सिल ऑफ इंडिया की प्रेस विज्ञप्ति को भी चुनौती दी गयी है जिसमे लॉ कालेजों को विलंब से ही लेकिन कालेज पुन: खुलने के बाद फाइनल परीक्षा आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं

याचिका में कहा गया है कि अप्रैल और जून में जारी यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार इंटरमीडिएट सेमेस्टर छात्रों का मूल्यांकन उनके आंतरिक आकलन और पिछले प्रदर्शन के आधार पर किया जायेगा।

याचिका के अनुसार ऐसी स्थिति में उन सेमेस्टर की परीक्षा लेने का लॉ फैकल्टी का निर्णय, जिनके लिये छात्रों को प्रोन्नत किया जा चुका है, अनुसूचित, पक्षपातपूर्ण और छात्रों के हितों के खिलाफ है।

इस निर्णय से याचिकाकर्ता असमानता की स्थिति में आ गये हैं क्योंकि दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकेल्टी के सिर्फ इंटरमीडिएट सेमेस्टर छात्रों को ही कॉलेज पुन: खुलने पर परीक्षा में शामिल होने के लिये कहा गया है जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे इस तरह के अन्य सभी छात्रों को परीक्षा देने से छूट प्रदान की गयी है।
याचिका में कहा गया है


याचिकाकर्ताओं ने इस तथ्य को भी इंगित किया है कि पहले सेमेस्टर की परीक्षा के साथ ही वर्तमान सेमेस्टर की परीक्षा और बैकलॉग को देखते हुये छात्रों पर अनावश्क बोझ बढ़ जायेगा।

इन छात्रों ने यह भी आशंका व्यक्त की है कि कोविड महामारी की वजह से दिल्ली में कालेज हो सकता है कि जल्द नहीं खुलें और ऐसी स्थिति में छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।

याचिकाकर्ताओं ने लॉ फैकल्टी के 215 इंटरमीडिएट सेमेस्टर छात्रों के एक स्वतंत्र सर्वे को भी याचिका में एक आधार बनाया है । इस सर्वे के अनुसार 95 प्रतिशत छात्र कालेज पुन: खुलने पर परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ है।

इसकी बजाये, छात्रों ने वैकल्पिक तरीका अपनाते हुये आंतरिक आकलन मूल्यांकन और ऑन लाइन खुली किताब परीक्षा आयोजित करने का सुझाव दिया है।


इस मामले में अब 14 दिसंबर को आगे सुनवाई होगी।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता श्रेय शर्मा उपस्थित हुये।

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें

Delhi HC issues notice in plea against BCI, Law Faculty decision to conduct previous-semester examination for promoted students