दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ "शिवलिंग पर बैठे बिच्छू" के संबंध में शशि थरूर के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी। (शशि थरूर बनाम राज्य)
मानहानि मामले में समन और कार्यवाही को रद्द करने के लिए थरूर द्वारा दायर याचिका में न्यायमूर्ति सुरेश कैत की एकल न्यायाधीश खंडपीठ द्वारा स्थगन आदेश पारित किया गया।
अदालत ने शिकायतकर्ता, भाजपा के राजीव बब्बर को भी नोटिस जारी किये।
कथित तौर पर अपमान करने का बयान थरूर ने नवंबर 2018 में बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल में किया था जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि "मिस्टर मोदी एक शिवलिंग पर बैठे बिच्छू हैं"।
थरूर के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विकास पाहवा ने बब्बर द्वारा की गई शिकायत को पूरी तरह से गलत और भ्रामक करार देते हुए तर्क दिया कि समन जारी करना आपराधिक न्यायशास्त्र के सिद्धांतों के विपरीत और गलत था।
थरूर ने दावा किया है कि वह केवल एक अन्य व्यक्ति गोर्धन जादाफिया को उद्धृत कर रहे थे और यह बयान पिछले कई वर्षों से सार्वजनिक क्षेत्र में है।
यह भी तर्क दिया गया कि शिकायतकर्ता, बब्बर आईपीसी की धारा 499 के संदर्भ में एक व्यथित व्यक्ति नहीं था और भाषण का असली मूल और उद्देश्य उसके द्वारा बड़ी चतुराई से छुपाया गया था।
इस मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी।
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Delhi HC stays defamation proceedings against Shashi Tharoor for scorpion remark against PM Modi