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वादकरण

भ्रष्टाचार के मामले में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ मेनका गांधी की याचिका मे दिल्ली उच्च न्यायालय ने जारी किये नोटिस

उच्च न्यायालय ने मुकदमा चलाने की मंजूरी देने वाले प्राधिकार के समक्ष सामग्री पेश करने के लिये जांच एजेन्सी को अदालत के निर्देश पर रोक भी लगाई

Bar & Bench

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा नेता मेनका गांधी की अपील पर आज नोटिस जारी किया। मेनका गांधी ने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला बंद करने की सीबीआई रिपोर्ट अस्वीकार करने के निचली अदालत को चुनौती दी है।

निचली अदालत ने सीबीआई की रिपोर्ट अस्वीकार करते हुये उसे इस मामले में आगे जांच का निर्देश दिया था।

न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की एकल पीठ ने मुकदमे की अनुमति देने वाले प्राधिकार के समक्ष सारी सामग्री पेश करने के केन्द्रीय जांच ब्यूरो को निचली अदालत के निर्देश पर भी रोक लगा दी है।

यह मामला सीबीआई द्वारा 2006 में मेनका गांधी और कुछ अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) सपठित धारा 13(1)(डी) के तहत दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है।

केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने जांच के बाद 2008 में मामला बंद करने के लिये अंतिम रिपोर्ट पेश की थी। हालांकि, विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने मामले की ‘पुन:जांच’ का निर्देश दिया जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दिये जाने पर इसमे सुधार करके ‘आगे जांच’ कर दिया गया था।

इसके बाद 2015 में सीबीआई ने मेनका गांधी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिलने के स्पष्ट नतीजे के आधार पर यह मामला बंद करने के लिये पूरक रिपोर्ट पेश की थी।

सांसदों-विधायकों के मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के रूप में काम कर रही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने इस साल फरवरी में एक बार फिर जांच एजेन्सी को आगे जांच करने का निर्देश दिया। अदालत ने एजेन्सी को यह निर्देश भी दिया कि मेनका गांधी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने वाले सक्षम प्राधिकार के समक्ष यह मामला पेश किया जाये।

मेनका गांधी ने इस आदेश को चुनौती देते हुये कहा कि यह गैरकानूनी, दुराग्रही और कानून के सामने नहीं टिकने वाला है और इसमें तो आगे जाच के पैमाने को भी रेखांकित नही किया है।

इस अपील में दलील दी गयी है कि निचली अदालत जांच एजेन्सी को आगे जांच करने और मुकदमा चलाने के लिये सक्षम प्राधिकारी से अनुमति प्राप्त करने का निर्देश नहीं दे सकती है।

मेनका गांधी ने न्यायलय ने यह दलील भी दी है कि यह आदेश भ्रष्टाचार निरोधक कानून की वैधानिक विवेचना के आगे टिक नहीं सकता है। इसलिए यह निरस्त करने के लायक है।

इस मामले में अब 8 फरवरी, 2021 को आगे सुनवाई होगी।

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Delhi High Court issues notice in Maneka Gandhi challenge to trial court order in corruption case