दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस साल मार्च से लापता एक किशोरी से जुड़े मामले में धीमी प्रगति पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई।
न्यायमूर्ति आशा मेनन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने पुलिस को तीन दिनों के भीतर मामले में तुरंत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों ने मामले को संभालने में ढिलाई बरतने के लिए पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई। न्यायमूर्ति मेनन ने कहा कि एक आरोपी से ठीक से पूछताछ भी नहीं की गई थी। उन्होने चिंता जताई कि यह संभावित बाल तस्करी का मामला हो सकता है।
उन्होने पुलिस से पूछा, “मार्च के बाद से एक लड़की, जो मुश्किल से 16 साल की है, लापता हो गई है। अगर वह तस्करों के हाथों में पड़ जाती है, तो क्या आप जानते हैं कि उसका क्या होगा? यह किस तरह की पूछताछ है जहां आपको तीसरे साथी के बारे में कोई जानकारी नहीं है?"।
लड़की के परिवार की ओर से अधिवक्ता मनिका त्रिपाठी पांडे ने बताया कि आरोपी व्यक्ति ने शुरू में दावा किया था कि लड़की 2-3 दिनों के भीतर घर वापस आ जाएगी. हालांकि, लड़की को स्कूल से लापता हुए कई महीने बीत चुके थे।
दिल्ली राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील संजय लाओ ने कोर्ट से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति देने और केस को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर करने की मांग की।
कोर्ट ने अब निर्देश दिया है कि पुलिस इस मामले में 18 जून, 2021 तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें