सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर ट्रस्ट द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें 25 साल के ऑडिट से छूट की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने जुलाई 2020 में आदेश दिया था। (श्री मार्तंड वर्मा बनाम केरल राज्य)।
जस्टिस यूयू ललित, रवींद्र भट और बेला त्रिवेदी की बेंच ने पहली प्रार्थना को खारिज कर दिया और फैसला किया कि यह स्पष्ट था कि ऑडिट का उद्देश्य केवल मंदिर तक ही सीमित नहीं था बल्कि ट्रस्ट भी था।
पिछले साल पारित सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि वाचा पर हस्ताक्षर करने वाले त्रावणकोर के राजा की मृत्यु त्रावणकोर शाही परिवार के शेबैतशिप (मूर्ति का प्रबंधन और रखरखाव) को प्रभावित नहीं करती है।
न्यायालय ने विशेष रूप से मंदिर की प्रशासनिक समिति और सलाहकार समिति को पिछले 25 वर्षों के लिए एक ऑडिट करने का निर्देश दिया था, जैसा कि एमिकस क्यूरी और वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने सुझाया था।
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Supreme Court rejects Padmanabha Swamy Temple Trust plea seeking exemption from audit of 25 years